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जमीन
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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मथुरा की छाता तहसील के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में बैंक के बकाएदार की एसडीएम द्वारा कुर्क जमीन का भी बैनामा कर दिया गया, जबकि जमीन बैंक कर्ज होने पर बंधक थी। मामला संज्ञान में आने के बाद प्रशासन में खलबली मच गई है। अधिकारी मामले में पत्रावली खंगालने में जुटे हैं।
मामला छाता तहसील क्षेत्र के गांव सेही बांगर से संबंधित है। खसरा संख्या 1387, 1388, 1396 से संबंधित 7560 वर्गमीटर भूमि में पांच खातेदार हैं। खातेदारों को यह जमीन अनुसूचित जाति का होने का चलते प्रशासन ने पट्टे पर दी थी। बाद में ये भूमि संक्रमणीय हो गई। इन्हीं में से एक खातेदार जसरथ पुत्र लाल सिंह ने कोसीकलां की सेंट्रल बैंक से भूमि को बंधक बनाते हुए 2007 में 4.30 लाख रुपये का ऋण लिया था।
ऋण न चुका पाने की स्थिति में 28 जनवरी 2014 को बैंक ने तहसील प्रशासन को पत्र लिखा। बैंक के पत्र पर कार्रवाई करते हुए सहायक कलेक्टर उपखंड प्रभारी प्रथम श्रेणी, छाता की कोर्ट से जमीन को कुर्क करने संबंधी आदेश जारी किया था। भूमि कुर्क किए जाने का आदेश भूमि की खतौनी में भी दर्ज किया गया। मगर, मुख्य मार्ग पर स्थित इस भूमि को बेचने का खेल छाता के सब रजिस्ट्रार कार्यालय की मिलीभगत से हो गया।
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