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पेड़ पर टंगे थे कपड़े
गांव के प्रेम सिंह ने बताया कि बेटा कौशल बुधवार शाम तक घर नहीं पहुंचा तो उसे तलाशने निकले। एक जगह उसकी चप्पल और पेड़ पर कपड़े टंगे हुए दिखाई दिए। टीले के पास मिट्टी का उभार दिखा। इसे हटाया तो सबसे पहले सचिन का सिर दिखाई दिया। उसके नीचे गोविंद और किशोर का शव था। तीनों ही एक के नीचे एक दबे हुए थे। इससे उसकी हत्या की आशंका है। वहीं मृतक गोविंद के पिता लाल बहादुर ने बताया कि सुबह बेटा खेत पर पढ़ने जाने की कह रहा था। पत्नी ने उसे नाश्ता कराया। 10 रुपये भी दिए। उसके कपड़े पेड़ पर मिले। उसकी नाक से खून भी निकल रहा था। इससे हत्या की आशंका है।
हर आंख हुई नम
नया गांव थाना क्षेत्र के गांव फकीरपुरा में तीन दोस्तों की मौत से बुधवार और बृहस्पतिवार को घरों में चूल्हे नहीं सुलगे। मृतकों के घरों से करुण क्रंदन गूंजता रहा। बृहस्पतिवार को पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही शव गांव में पहुंचे चीत्कार मच गई। शाम को शवों के अंतिम संस्कार के लिए उठते ही हर आंख नम हो गई। आसपास के लोगों का गांव में तांता लग गया।
मिट्टी की ढाय ने निगल लिया घर का इकलौता चिराग
कौशल परिवार में दो बहनों के बीच अकेला भाई था। उसकी मौत से घर में मातम पसरा हुआ है। माता-पिता सदमे में हैं। बहनों के आंसू नहीं रुक रहे हैं। गोविंद के दो भाई और तीन बहनें हैं। सचिन का एक भाई और तीन बहनें हैं। इन परिवारों में भी गमगीन माहौल है।
एक साथ दफनाए तीनों के शव
कौशल, सचिन और गोविंद अच्छे दोस्त थे। इनमें से दो एक ही स्कूल में पढ़ते थे। तीनों ही किशोर अधिकांश समय साथ रहते थे। मौत भी साथ में आई और इसके बाद उन्हें एक साथ ही दफन किया गया। बृहस्पतिवार को काली नदी के किनारे जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदकर तीनों के शव दफना दिए गए। इस दौरान वहां अधिकारियों सहित गांव के लोगों की काफी भीड़ रही।
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