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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के छलेसर कैंपस में बीएससी कृषि पढ़ाने की तैयारी चल रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन भूमि का चिह्नांकन कराने के साथ पाठ्यक्रम का प्रारूप भी तैयार करा रहा है। कोशिश है कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 में ही सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएं।
वर्तमान में विश्वविद्यालय से संबद्ध 14 कॉलेजों में ही बीएससी कृषि पढ़ाई जा रही है। जबकि पाठ्यक्रम के प्रति विद्यार्थियों का रुझान अधिक है। प्रतिवर्ष सीट की अपेक्षा अधिक विद्यार्थियों के आवेदन प्राप्त होते हैं। आरबीएस कॉलेज में तो प्रत्येक सीट के सापेक्ष सात से आठ आवेदन प्राप्त होते हैं।
कोरोनाकाल के पहले डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय बीएससी की प्रवेश परीक्षा कराकर कॉलेजों को विद्यार्थी आवंटित करता था। पाठ्यक्रम के प्रति रुझान को देखते हुए ही विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर में इसके संचालन की योजना बनाई गई है। अभी आगरा के 9, मथुरा के 2, मैनपुरी के 1 और फिरोजाबाद के 2 कॉलेजों में बीएससी कृषि पढ़ाई कराई जा रही है।
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भूमि की पर्याप्त उपलब्धता जरूरी
जानकारों के मुताबिक बीएससी कृषि का पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए भूमि की पर्याप्त उपलब्धता जरूरी है। अब यह देखना होगा कि छलेसर कैंपस में उतनी भूमि उपलब्ध है या नहीं। कृषि कार्य के लिए भूमि का उपयोग किया जाता है। उसी परिसर में शारीरिक शिक्षा के पाठ्यक्रम चल रहे हैं। उसके लिए भी पर्याप्त मैदान होना जरूरी है।
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फीस, सीट आदि का निर्धारण किया जा रहा है
छलेसर परिसर में बीएससी कृषि का पाठ्यक्रम संचालित करने की योजना है। इस पर काम चल रहा है। भूमि का चिह्नांकन कराने के साथ पाठ्यक्रमों की सीटें, फीस आदि की रूपरेखा भी तैयार कराई जा रही है। – डॉ. विनोद कुमार सिंह, कुलसचिव
जुलाई 2024 से विधि की पढ़ाई शुरू कराने पर जोर
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन का जोर जुलाई 2024 से विधि की पढ़ाई कराने पर है। सुल्तानगंज परिसर में भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। कार्यदायी संस्था को मार्च 2024 तक भवन निर्माण का कार्य पूरा करना है। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने बताया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमानुसार भवन बनवाया जा रहा है। अब पाठ्यक्रम की मान्यता लेने और अन्य प्रक्रियाओं पर भी काम शुरू किया जाएगा। एलएलबी का पाठ्यक्रम संचालित कराने की योजना है।
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