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– फोटो : istock
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कभी ओटीपी पूछकर तो कभी लिंक भेजकर। नौकरी और निवेश का झांसा। हेल्पलाइन नंबर ही नहीं, टावर लगाने व बिजली बिल जमा करने के नाम पर साइबर अपराधी लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। सालभर में 100 से ज्यादा मुकदमे पुलिस ने दर्ज किए हैं। गिरफ्तारी न के बराबर है। झारखंड और मेवात के साइबर ठगों को पुलिस ढूंढ ही नहीं पा रही है।
ये हैं प्रमुख घटनाएं
– लोहामंडी में दो सगे भाई फईम और कामरान से 1.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। निवेश करने पर घर बैठे अच्छी कमाई का लालच देकर ठग लिया गया। केस दर्ज हुआ, गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
– 5 मार्च को वायु विहार निवासी देवेंद्र सिंह चाहर के साथ साइबर धोखाधड़ी की गई। काॅल करके निवेश करने पर मुनाफे का झांसा दिया गया। तीन लाख रुपये ले लिए गए। इसके बाद आरोपी ने मोबाइल नंबर बंद कर लिए।
– 27 अक्तूबर 2022 को न्यू जनता काॅलोनी निवासी बबिता के मोबाइल पर मैसेज भेजा गया। घर बैठे कार्य करने पर कमाई का लालच देकर दो लाख से अधिक ठग लिए गए। केस में एक साल बाद केस दर्ज हुआ।
– मई में सेवला जाट के रहने वाले अजय पाल के साथ टावर लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी की गई। काॅल करके खाते में 42170 रुपये निकाल लिए गए। पुलिस ने पांच महीने बाद केस लिखा।
– अगस्त में सदर निवासी सोनम जैन के ई-कॉमर्स कंपनी से रकम दिलाने के नाम पर ठगी हुई। लिंक भेजकर खाते से 1.13 लाख रुपये ले लिए गए। इसके बावजूद रकम मांगी।
– सदर क्षेत्र के युवक को वीडियो कॉल किया गया। न्यूड वीडियो बना ली गई। दिल्ली का पुलिस अधिकारी बनकर कॉल करके धमकाया गया। 65,500 रुपये ठग लिए गए।
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