[ad_1]
साइबर अपराधी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दिल्ली पुलिस ने श्रमिकों के नाम पर सिम बेचने वाले जगदीशपुरा और लोहामंडी के तीन आरोपियों सहित चार को पकड़ा है। यह पहला मामला नहीं है, जब आगरा का गिरोह पकड़ा गया। पूर्व में भी यहां गैंग पकड़े जाते रहे हैं। मेवात और चंबल के बीहड़ के ठग दुकानदारों की मदद से प्री एक्टिवेट सिम खरीदते थे। आरोपी दुकानदार लोगों के बायामैट्रिक और आधार कार्ड की मदद से सिम जारी करा लेते थे। चंद रुपयों के लालच में बेचते थे। इन सिमों की मदद से साइबर ठगी की जाती थी।
जनवरी 2023 में मलपुरा में गिरोह पकड़ा गया था। ग्राहक सेवा केंद्र संचालक और उसके साथी ई-श्रम कार्ड बनाने वाले ग्रामीणों की बायोमैट्रिक कराकर उनके नाम से प्री एक्टिवेट सिम लेते थे। इसके बाद मेवात, हरियाणा के साइबर अपराधियों बेच देते थे। साइबर अपराधी इन सिम का प्रयोग लोगों से धोखाधड़ी के लिए करते थे। पुलिस ने केंद्र संचालक सहित 3 को गिरफ्तार किया था।
आरोपियों ने एक महिला के नाम से सिम कार्ड जारी कराया था। सिम से ठगी हुई थी। पुलिस जांच करने महिला के घर पहुंची थी। तब गैंग का खुलासा हुआ था। इसी तरह फरवरी 2021 में एक गैंग पकड़ा गया था। जैतपुर पुलिस ने हेलो गैंग को पकड़ा था। सरगना और सदस्य दुकानदारों से सिम लेते थे। दुकानदार प्री एक्टिवेट सिम अपने पास रखते थे। सिम चंबल के बीहड़ में सक्रिय हेलो गैंग के सदस्य संचालित करते थे। ठगी होने पर लोग पुलिस से शिकायत करते थे।
पुलिस सिम में लगे दस्तावेजों के आधार पर उक्त व्यक्ति के पास पहुंचती थी। आरोपी दुकान पर सिम लेने आने वाले लोगों से आधार कार्ड लेते थे। इसकी एक कापी अपने पास भी रख लेते थे। बाद में एक और सिम जारी करा लेते थे। यह अपराधियों को बेच देते थे।
[ad_2]
Source link