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साइबर क्राइम का फाइल फोटो
– फोटो : amar ujala
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त्योहारी सीजन में अगर आप ऑनलाइन खरीदारी का मूड बना रहे हैं तो थोड़ी सर्तकता भी बरतें। जरा सी चूक आपको भारी पड़ सकती है। इसलिए मोबाइल या ईमेल पर आने वाले ऑफर के लिंक की पड़ताल करने के बाद ही उसे खोले। क्योंकि इन दिनों साइबर ठग इन्हीं फर्जी लिंक के जरिये ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
त्योहारी सीजन को देखते हुए तमाम ई-कॉमर्स कंपनियों ने सेल लगाई है। भागदौड़ भरी जिंदगी में अब लोग घर का सामान, कपड़े, जूते-चप्पल और गृह साजसज्जा के सामान की ऑनलाइन खरीदारी करते हैं। त्योहारी सीजन आते ही साइबर ठग भी सक्रिय हो जाते हैं। कंपनियों के उत्पादों पर फर्जी ऑफर के विज्ञापन इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रचलित होते हैं। जिनके झांसे में आकर लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं। इसलिए मोबाइल पर एसएमएस या व्हाट्सएप के जरिये आने वाले ऑफर लिंक से बचें और ई-कॉमर्स कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से ही खरीदारी करें।
फर्जी लिंक व वेबसाइट बनाकर कर रहे ठगी
आईटी एक्सपर्ट पीयूष अग्रवाल बताते हैं साइबर ठगों ने इन दिनों ये नया तरीका निकाल रखा है। फर्जी लिंक भेजकर आपसे फर्जी वेबसाइट एक्सेस कराई जाती है। मोबाइल हैक करके क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या यूपीआई के जरिये बैंक खाते से पैसे निकाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों रिमोट एप का भी साइबर ठग खूब इस्तेमाल करते हैं। इन दिनों बीस से ज्यादा रिमोट एप खूब चलन में हैं। इन मोबाइल एप को लिंक भेजकर इंस्टॉल कर दिया जाता है। उसके बाद मोबाइल का पूरा कंट्रोल दूसरे के पास चला जाता है। मोबाइल पर पहले ऑनलाइन खरीदारी की मेगा सेल नाम से कॉल और लिंक आ रहा है।
यह बरतें सावधानियां
– ठगी होने पर 24 घंटे के अंदर संबंधित बैंक या फिर साइबर सेल को सूचना दें।
– साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 पर फोन करे। इससे रकम ट्रांसफर होने से तत्काल रोक दी जाती है।
– जिस वेबसाइट से भुगतान कर रहे हैं देख लें वहां द्धह्लह्लश्चह्य लिखा हो। क्लोन या फर्जी वेबसाइट पर ये शब्द नहीं लिखा होगा या सिर्फ द्धह्लह्लश्च लिखा होगा।
— गूगल से नंबर निकाल कर किसी ई-कॉमर्स कंपनी, डॉक्टर या किसी का भी कस्टमर केयर नंबर पर संपर्क करने से बचें।
– त्योहारी मौसम में लुभावने आफरों के चक्कर में आने से बचें।
– अंजान लिंक को अपलोड करने से बचे।
केस नंबर एक
– तिलक नगर निवासी आराध्य ने फेसबुक पर ऑफर में ईयरफोन खरीदा। कुछ देर में खाते से 40 हजार रुपये कटने का मैसेज आ गया। सक्रियता दिखाई तो पुलिस विभाग में तुरंत शिकायत दर्ज कराई। पुलिस की सक्रियता से रुपये वापस आ गया।
केस नंबर दो
– टापा पैंठ निवासी भव्यांश ने सस्ते ऑफर के चक्कर में एक लिंक पर क्लिक किया। उसमें एक एप डाउनलोड हो गया। मोबाइल अपने आप चलने लगा। खाते से 20 हजार रुपये निकल गए।
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