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9एमएनपी-19-शहर के स्टेशन रोड पर जलभराव
– फोटो : MAINPURI
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मैनपुरी। बीते तीन दिन से बारिश लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई तो वहीं फसलों को भी नुकसान पहुंचा रही है। लेकिन रविवार शाम तक बीते 24 घंटे में हुई बारिश आसमान से आफत बनकर बरसी। शहर से लेकर देहात तक हर तरफ गलियों और सड़कों पर जलभराव मुसीबत बना रहा। वहीं खेतों में सरसों की फसल बर्बाद होने के बाद अब धान की फसल पर संकट खड़ा हो गया है। किसानों के अनुसार धान की फसल में 50 प्रतिशत तक नुकसान की आशंका है।
बीते चार दिनों से जिले में बारिश हो रही है। अब तक जहां कभी धीमी तो कभी तेज बारिश हो रही थी। लेकिन शनिवार को पूरी रात जिले भर झमाझम बारिश हुई। वहीं रविवार को दोपहर बाद जिले भर में तेज बारिश शुरू हुई जो शाम तक जारी रही। इन 24 घंटों में कुल 86 मिमी बारिश जिले में हुई। इस बारिश से शहर के कचहरी रोड, स्टेशन रोड समेत नगला गोवर्धन, नगला शिवलाल, नगला रते, दरीबा, राजीव गांधी नगर, गाड़ीवान मोहल्ला, देवपुरा समेत अन्य मोहल्लों में डेढ़ फीट तक जलभराव हो गया। निचले क्षेत्रों में पानी घरों में भी भर गया। वहीं शहर के अलावा भोगांव, बेवर, घिरोर, किशनी, कुरावली, करहल, कुसमरा और ज्योंती खुड़िया में गलियों में पानी भर गया। इससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। किशनी में तो थाने में एक फीट तक पानी भर गया। इसके चलते पुलिसकर्मी भी परेशान नजर आए। पशाम तक बारिश जारी रहने के चलते लोगों को राहत नहीं मिल सकी। कुल चार दिनों में अब तक 156 मिमी बारिश हो चुकी है। ऐसे में ये बारिश अब धीरे-धीरे आफत बनती जा रही है। बाजारों में भी बारिश के चलते जलभराव और सन्नाटा ही रहा।वहीं सब्जी मंडी में भी विक्रेता बारिश के चलते परेशान नजर आए। उनकी सब्जियां भी नहीं बिक सकीं।
खेतों में बिछ गई धान की फसल
जिले में बड़े पैमाने पर किसान धान की खेती करते हैं। कृषि विभाग के अनुसार 65 हजार हेक्टेयर के करीब इसका रकबा है। इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक धान खेतों में पककर तैयार हो चुका था। बारिश होने से अब ये धान खेतों में ही बिछ गया है। वहीं खेतों में पानी भरने से अब धान के अंकुरित होने और काले पड़ने की चिंता किसानों को सता रही है। गांव भोजपुरा निवासी किसान रामेश्वर दयाल ने बताया कि धान में 50 प्रतिशत तक का नुकसान है। वहीं दो सौ हेक्टेयर के करीब सरसों की बोई गई फसल पहले ही पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। किसानों को बारिश के बाद दोबारा सरसों की बुवाई करनी पड़ेगी।
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आलू की बुवाई का काम पिछड़ा
किसानों ने आलू की बुवाई के लिए अपने खेत तैयार कर लिए थे। सितंबर के अंतिम सप्ताह से आलू की बुवाई के लिए तैयारियां शुरू हो जाती है। जिले में 22 हजार हेक्टेयर में किसान आलू की खेती करते हैं। लेकिन बारिश होने से अगेती आलू जो बोया जा चुका है बर्बाद हो गया है। वहीं खेतों में पानी भरने से आलू की बुवाई का काम पिछड़ गया है। कम से कम 15 दिन बाद अब आलू की बुवाई का काम शुरू हो सकेगा।
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पूर्वानुमान बढ़ा रहा है चिंता
मौसम का पूर्वानुमान लोगों की चिंता बढ़ा रहा है। हाल ये है कि पहले ही बारिश काफी नुकसान कर चुकी है, लेकिन अभी आगे भी बारिश होने की आशंका बनी हुई है। मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार आगामी तीन दिनों तक बारिश होने के प्रबल आसार हैं। मौसम वैज्ञानिक नरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि 12 अक्तूबर तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
विस्तार
मैनपुरी। बीते तीन दिन से बारिश लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई तो वहीं फसलों को भी नुकसान पहुंचा रही है। लेकिन रविवार शाम तक बीते 24 घंटे में हुई बारिश आसमान से आफत बनकर बरसी। शहर से लेकर देहात तक हर तरफ गलियों और सड़कों पर जलभराव मुसीबत बना रहा। वहीं खेतों में सरसों की फसल बर्बाद होने के बाद अब धान की फसल पर संकट खड़ा हो गया है। किसानों के अनुसार धान की फसल में 50 प्रतिशत तक नुकसान की आशंका है।
बीते चार दिनों से जिले में बारिश हो रही है। अब तक जहां कभी धीमी तो कभी तेज बारिश हो रही थी। लेकिन शनिवार को पूरी रात जिले भर झमाझम बारिश हुई। वहीं रविवार को दोपहर बाद जिले भर में तेज बारिश शुरू हुई जो शाम तक जारी रही। इन 24 घंटों में कुल 86 मिमी बारिश जिले में हुई। इस बारिश से शहर के कचहरी रोड, स्टेशन रोड समेत नगला गोवर्धन, नगला शिवलाल, नगला रते, दरीबा, राजीव गांधी नगर, गाड़ीवान मोहल्ला, देवपुरा समेत अन्य मोहल्लों में डेढ़ फीट तक जलभराव हो गया। निचले क्षेत्रों में पानी घरों में भी भर गया। वहीं शहर के अलावा भोगांव, बेवर, घिरोर, किशनी, कुरावली, करहल, कुसमरा और ज्योंती खुड़िया में गलियों में पानी भर गया। इससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। किशनी में तो थाने में एक फीट तक पानी भर गया। इसके चलते पुलिसकर्मी भी परेशान नजर आए। पशाम तक बारिश जारी रहने के चलते लोगों को राहत नहीं मिल सकी। कुल चार दिनों में अब तक 156 मिमी बारिश हो चुकी है। ऐसे में ये बारिश अब धीरे-धीरे आफत बनती जा रही है। बाजारों में भी बारिश के चलते जलभराव और सन्नाटा ही रहा।वहीं सब्जी मंडी में भी विक्रेता बारिश के चलते परेशान नजर आए। उनकी सब्जियां भी नहीं बिक सकीं।
खेतों में बिछ गई धान की फसल
जिले में बड़े पैमाने पर किसान धान की खेती करते हैं। कृषि विभाग के अनुसार 65 हजार हेक्टेयर के करीब इसका रकबा है। इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक धान खेतों में पककर तैयार हो चुका था। बारिश होने से अब ये धान खेतों में ही बिछ गया है। वहीं खेतों में पानी भरने से अब धान के अंकुरित होने और काले पड़ने की चिंता किसानों को सता रही है। गांव भोजपुरा निवासी किसान रामेश्वर दयाल ने बताया कि धान में 50 प्रतिशत तक का नुकसान है। वहीं दो सौ हेक्टेयर के करीब सरसों की बोई गई फसल पहले ही पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। किसानों को बारिश के बाद दोबारा सरसों की बुवाई करनी पड़ेगी।
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आलू की बुवाई का काम पिछड़ा
किसानों ने आलू की बुवाई के लिए अपने खेत तैयार कर लिए थे। सितंबर के अंतिम सप्ताह से आलू की बुवाई के लिए तैयारियां शुरू हो जाती है। जिले में 22 हजार हेक्टेयर में किसान आलू की खेती करते हैं। लेकिन बारिश होने से अगेती आलू जो बोया जा चुका है बर्बाद हो गया है। वहीं खेतों में पानी भरने से आलू की बुवाई का काम पिछड़ गया है। कम से कम 15 दिन बाद अब आलू की बुवाई का काम शुरू हो सकेगा।
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पूर्वानुमान बढ़ा रहा है चिंता
मौसम का पूर्वानुमान लोगों की चिंता बढ़ा रहा है। हाल ये है कि पहले ही बारिश काफी नुकसान कर चुकी है, लेकिन अभी आगे भी बारिश होने की आशंका बनी हुई है। मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार आगामी तीन दिनों तक बारिश होने के प्रबल आसार हैं। मौसम वैज्ञानिक नरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि 12 अक्तूबर तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
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