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कोर्ट (प्रतीकात्मक)
– फोटो : istock
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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में बुधवार को कोर्ट ने युवक के हत्यारे तीन सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तीनों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। सजा एफटीसी द्वितीय के जज भूलेराम ने सुनाई। अभियोजन की पैरवी एडीजीसी संजीव कुमार सिंह चौहान ने की।
घटना भोगांव थाना क्षेत्र गढ़िया गोविंदेपुर गांव की है। गांव निवासी अमित सिंह 21 अक्तूबर 2012 को अपने भतीजे गौरव, सौरभ, साले राजेश कुमार के साथ ट्रैक्टर से आलीपुर खेड़ा गए थे। आलीपुर खेड़ा के बाजार में अमित सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप गांव के तीन सगे भाई राममनोहर, कुशलपाल, शिवओमराम और राममनोहर के पुत्र आशीष पर था। हत्या की रिपोर्ट गौरव ने चारों के खिलाफ थाना भोगांव में दर्ज करा दी। पुलिस ने जांच करके चारों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेज दी।
मुकदमे की सुनवाई एफटीसी द्वितीय के जज की कोर्ट में हुई अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों ने कोर्ट में गवाही दी। गवाही के आधार पर राममनोहर, कुशलपाल, शिवओम राम को अमित सिंह की हत्या करने का दोषी पाया गया। एडीजीसी संजीव कुमार सिंह चौहान ने तीनों को कड़ी सजा देने की दलील दी। तीन सगे भाइयों को एफटीसी द्वितीय के जज भूलेराम ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तीनों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
तमंचा रखने पर पांच हजार का जुर्माना
राममनोहर तथा कुशलपाल के पास से पुलिस ने हत्या में प्रयोग किए गए तमंचे बरामद किए थे। पुलिस ने दोनों के खिलाफ तमंचा रखने के आरोप में चार्जशीट न्यायालय में भेज दी थी। एफटीसी द्वितीय के जज भूलेराम ने तमंचा रखने का आरोप साबित होने पर दोनों को चार चार साल की सजा सुनाई है। उन पर पांच पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा मुकदमा
पुलिस ने अमित सिंह की हत्या करने के आरोप में आशीष के खिलाफ भी न्यायालय में चार्जशीट भेजी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान आशीष ने खुद को नाबालिग बताया। उसके नाबालिग साबित होने पर उसका मुकदमा किशोर न्याय बोर्ड में भेजा गया। किशोर न्याय बोर्ड में आशीष के मुकदमे की सुनवाई की जा रही है।
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