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मथुरा में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रकरण में चार वाद में सुनवाई हुई। एक वाद में वादी पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया गया। अन्य में अदालत द्वारा तारीख लगाई गई।
लखनऊ हाईकोर्ट के अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह के मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन ज्योति सिंह की अदालत में बहस प्रारंभ होनी थी, लेकिन अधिवक्ता अदालत में नहीं आ सके। वादी द्वारा अदालत से समय मांगने पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया। अब अदालत में उनके वाद में 20 सितंबर को सुनवाई होगी। उधर, अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के वाद में सुन्नी वक्फ बोर्ड के हाजिर न होने के कारण सीपीसी की धारा 7/11 पर सुनवाई नहीं हो सकी। वादी दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रतिवादी हाजिर नहीं हुआ, इसलिए सुनवाई नहीं हो सकी है। उनके मामले में अब 7 अक्तूबर को सुनवाई होगी।
प्रतिवादियों को नहीं मिल सके कागजात
लखनऊ निवासी मनीष यादव के वाद में उनके अधिवक्ता सुरजीत यादव ने बताया कि प्रतिवादियों को कागजात नहीं मिल सके। जिसके कारण अदालत ने सुनवाई के लिए 20 सितंबर की तिथि तय की है। वहीं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री के वाद में अदालत ने 7 अक्तूबर की तिथि तय की है। अधिवक्ता गोपाल खंडेलवाल ने बताया कि हाईकोर्ट में स्टे होने के कारण अदालत में सुनवाई न होकर तारीख लगाई है।
ये बोले शाही मस्जिद के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद
शाही मस्जिद के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद ने बताया कि वादी पक्ष अदालत में मौजूद ही नहीं रहता है और मौजूद रहता है तो अदालत से समय मांगता है। जिसके चलते अदालत ने अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया है। इस दौरान श्रीकृष्ण जन्मस्थान के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया कि अदालत की सुनवाई के दौरान सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से अधिवक्ता जेपी निगम, अबरार हुसैन, नीरज शर्मा, शहबाज खान, विकास पाठक उपस्थित रहे।
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