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– फोटो : अमर उजाला
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देश की सबसे बड़े दवा बाजार में शामिल आगरा के फुव्वारा से नकली और नशीली दवाओं का नेटवर्क 18 राज्यों तक फैला है। विदेशों तक प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री करते हुए चिकित्सक, फार्मासिस्ट, दवा कारोबारी पकड़े जा चुके हैं। पिछले दस साल में 148 विक्रेताओं के विरुद्ध मुकदमे दर्ज हैं। 70 से अधिक ड्रग लाइसेंस निरस्त हो चुके हैं, फिर भी दवाइयों का ‘खेल’ बंद नहीं हो सका।
फुव्वारा दवा बाजार में 3500 से अधिक ड्रग लाइसेंसी हैं। 5000 से अधिक कंपनियों के स्टॉकिस्ट, थोक विक्रेता व रिटेलर हैं। दिल्ली, जयपुर, ग्वालियर और अलीगढ़ तक से दुकानदार दवाइयां खरीदने आते हैं। दवाइयों की आड़ में नशे का कारोबार भी पांव पसार चुका है। खेल में कई सफेदपोश भी शामिल हैं। शॉर्ट कट में करोड़पति बनने का चस्का 148 दुकानदारों को जेल पहुंचा चुका है। इनके विरुद्ध मुकदमे दर्ज हैं।
वहीं, 70 से अधिक ड्रग लाइसेंस अवैध गतिविधियों के कारण निरस्त हो चुके हैं। सहायक आयुक्त औषधि एके जैन का कहना है कि लगातार कार्रवाई के बावजूद प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री व अवैध निर्माण नहीं रुक रहा। उन्होंने बताया कि ड्रग लाइसेंस की आड़ में ही निर्माण, बिक्री और गड़बड़ियां होती हैं। रोकथाम के लिए नियमित अंतराल पर स्टॉक, बिक्री रजिस्टर व बिलों की जांच की जाती है।
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