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कासगंज जिले में कोरोना वायरस ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर काफी विपरीत असर डाला है। जिससे मनोरोगियों की संख्या में 40 प्रतिशत तक इजाफा हो चुका है। जबकि जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक तक नहीं हैं। एक माह में 20 मरीजों तक को रेफर करना पड़ता है।
वर्ष 2020 में शुरू हुई कोरोना की लहर ने लोगों के स्वास्थ्य को ही प्रभावित नहीं किया। उनकी मानसिक सेहत भी प्रभावित कर दी। तमाम लोगों की नौकरी चली गई तो वहीं कामकाज पर भी असर पड़ा। तमाम लोग बेरोजगार हो गए। आर्थिक संकट खड़ा हो जाने से लोगों में तनाव बढ़ गया, जिसका असर उनकी मानसिक सेहत पर पड़ा। कोरोना टीकाकरण के बाद भले ही कोरोना की लहर मंद पड़ गई हो, लेकिन लोग मानसिक तौर पर अभी भी पूरी तरह से उभर नहीं सके हैं।
आज भी लोग अपने काम काज को लेकर आशंकित रहते है। माह में 150 से 200 मरीज तक मानसिक बीमारियों का शिकार होकर इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंच रहे है। इनमें से 20 मरीज ऐसे होते हैं जो गंभीर मानसिक रोगी होते है। जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से इन मरीजों को आगरा, बरेली या अलीगढ़ के अस्पतालों को रेफर करना पड़ जाता है।
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