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अधूरी पड़ी सड़क
– फोटो : अमर उजाला
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एटा में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में ठेकेदार ने एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी सड़क का निर्माण नहीं कराया। इसे लेकर उस पर करीब 32 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं उसकी फर्म को दो साल के लिए डिबार कर दिया गया है।
इस मार्ग का होना था निर्माण
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा मलावन से सोंहार होते हुए गोलाकुआं तक सड़क निर्माण किया जाना था। इसके लिए विभाग ने टेंडर कर दिया। राकेश प्रताप सिंह की फर्म को यह काम मिला। इसके तहत करीब 10 किमी की सड़क तैयार की जानी थी। सड़क बनाने के लिए ठेकेदार ने गिट्टी डालने का काम शुरू भी करा दिया, लेकिन बाद में काम रोक दिया। ऐसे में ठेकेदार की लापरवाही की वजह से एक साल से सड़क का निर्माण कार्य नहीं हो पाया। इसके चलते लोगों को आवागमन में काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। विभाग की ओर से कई बार ठेकेदार को चेतावनी दी गई। ठेकेदार की यह लापरवाही उस पर भारी पड़ गई।
दो साल के लिए फर्म की गई डिबार
कार्य में देरी होने पर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की ओर से ठेकेदार पर करीब 32 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। उसके बाद भी निर्माण पूरा नहीं हुआ तो विभाग फर्म को दो साल के लिए डिबार कर दिया। अब दो साल तक यह फर्म विभाग के किसी भी टेंडर में हिस्सा नहीं ले सकेगी। अधिशासी अभियंता मोहम्मद शमीम ने बताया कि मलावन से गोलाकुआं तक बनाई जाने वाली सड़क में देरी होने पर ठेकेदार पर कार्रवाई की गई है। फर्म को दो साल के लिए डिबार कर दिया गया है।
विस्तार
एटा में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में ठेकेदार ने एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी सड़क का निर्माण नहीं कराया। इसे लेकर उस पर करीब 32 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं उसकी फर्म को दो साल के लिए डिबार कर दिया गया है।
इस मार्ग का होना था निर्माण
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा मलावन से सोंहार होते हुए गोलाकुआं तक सड़क निर्माण किया जाना था। इसके लिए विभाग ने टेंडर कर दिया। राकेश प्रताप सिंह की फर्म को यह काम मिला। इसके तहत करीब 10 किमी की सड़क तैयार की जानी थी। सड़क बनाने के लिए ठेकेदार ने गिट्टी डालने का काम शुरू भी करा दिया, लेकिन बाद में काम रोक दिया। ऐसे में ठेकेदार की लापरवाही की वजह से एक साल से सड़क का निर्माण कार्य नहीं हो पाया। इसके चलते लोगों को आवागमन में काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। विभाग की ओर से कई बार ठेकेदार को चेतावनी दी गई। ठेकेदार की यह लापरवाही उस पर भारी पड़ गई।
दो साल के लिए फर्म की गई डिबार
कार्य में देरी होने पर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की ओर से ठेकेदार पर करीब 32 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। उसके बाद भी निर्माण पूरा नहीं हुआ तो विभाग फर्म को दो साल के लिए डिबार कर दिया। अब दो साल तक यह फर्म विभाग के किसी भी टेंडर में हिस्सा नहीं ले सकेगी। अधिशासी अभियंता मोहम्मद शमीम ने बताया कि मलावन से गोलाकुआं तक बनाई जाने वाली सड़क में देरी होने पर ठेकेदार पर कार्रवाई की गई है। फर्म को दो साल के लिए डिबार कर दिया गया है।
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