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कांग्रेस
– फोटो : सोशल मीडिया
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मैनपुरी में निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस को चुनाव से पहले जबरदस्त झटका लगा है। शहर कमेटी के पदाधिकारियों ने अपने पदों से सामूहिक त्यागपत्र दे दिया है। जिलाध्यक्ष पर आरोप लगाकर सामूहिक त्यागपत्र प्रदेश अध्यक्ष को भेजा गया है। शहर और जिला कमेटी का विवाद प्रदेश नेतृत्व तक पहुंच गया है।
लोकसभा उपचुनाव के बाद कांग्रेस निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी है। निकाय चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने से पहले ही कांग्रेस को जबरदस्त तरीके से झटका लगा है। नगर पालिका में चेयरमैन सहित सभासद पद के प्रत्याशियों की तलाश कर रही कांग्रेस की रणनीति भी प्रभावित हुई है। शहर कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा भेजे गए सामूहिक त्यागपत्र में कहा गया है कि जिला अध्यक्ष द्वारा शहर कमेटी सहित फ्रंटल संगठनों के बीच समन्वय स्थापित नहीं किया जा रहा है। पार्टी के सभी निर्णय जिलाध्यक्ष तथा उनके पति द्वारा ही लिए जाते हैं। संगठन का निजी स्वार्थ में प्रयोग किया जा रहा है।
आरोप है कि प्रादेशिक भारत जोड़ो यात्रा में शहर कमेटी को जिलाध्यक्ष द्वारा नीचा दिखाया गया है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो शहर और जिला कमेटी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। जिससे निकाय चुनाव प्रभावित होने की आशंका पदाधिकारी जता रहे हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव प्रकाश प्रधान ने बताया कि ‘कांग्रेस के संविधान में शहर कमेटी का अलग अस्तित्व होता है। शहर कमेटी संविधान के तहत जिला कमेटी के अधीन नहीं होती है। शहर कमेटी द्वारा सामूहिक त्यागपत्र देने की जानकारी नहीं है। प्रदेश नेतृत्व ही आंतिम निर्णय लेगा।’
कांग्रेश जिलाध्यक्ष विनीता शाक्य ने कहा कि ‘शहर कमेटी द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। संगठन कांग्रेस के संविधान के तहत ही काम कर रहा है। भारत जोड़ो यात्रा के बाद संगठन और अधिक मजबूत हुआ है। कार्यकर्ता निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं।’
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