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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के शौचालय की मरम्मत के लिए मिले बजट को भी ठिकाने लगा दिया गया। 30 लाख रुपये खर्च हो गए, लेकिन शौचालय की दशा नहीं सुधरी। शौचालय टूटे पड़े हैं और हालत बदतर है।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत विश्वविद्यालय के शौचालय की मरम्मत के लिए वर्ष 2021 के बजट में 30 लाख रुपये मिले। शौचालय की सीट, वाशबेसिन के अलावा अन्य कार्यों को 70 फीसदी पूरा दिखाते हुए बिल लगाए गए। दो अगस्त 2021 को 21 लाख रुपये का भुगतान हो गया। इसके बाद बाकी का कार्य पूरा दर्शाया गया जिस पर बाकी 9 लाख रुपये का बजट भी मिल गया।
मरम्मत के नाम पर 30 लाख रुपये हुए खर्च
मरम्मत के नाम पर 30 लाख रुपये ठिकाने लगा दिए गए लेकिन शौचालय की हालत अभी भी खराब ही है। वाशबेसिन और टोटियां टूटी हैं। शौचालय में गंदगी रहती है और दरवाजे भी जर्जर हैं। इस मामले की जांच भी एसटीएफ कर रही है। इसके लिए एसटीएफ ने खर्च हुई धनराशि के बिल जुटाए हैं। शौचालय की फोटोग्राफी भी की है।
रूसा के प्रभारी प्रो. संजय चौधरी ने कहा कि रूसा के तहत शौचालय समेत अन्य मरम्मत कार्यों को मानकों के अनुसार करवाया है। इसमें संबंधित संस्थान निदेशक समेत समिति के सदस्यों के भी हस्ताक्षर हैं। इसमें क्या गड़बड़ी है, इसकी जांच एसटीएफ कर रही है। इसके लिए जो दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, वह उपलब्ध कराए गए हैं।
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