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मैनपुरी। मैनपुरी में डेंगू दस्तक दे चुका है। सरकारी अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों में मरीज भर्ती हैं। लेकिन इलाज के लिए अहम प्लेटलेट्स और प्लाज्मा की जिले में व्यवस्था नहीं है। दो साल पहले कंपोनेंट यूनिट तो मिली, लेकिन शुरू आज तक नहीं हो सकी। मजबूरी में मरीज महानगरों में इलाज करा रहे हैं।
दो साल पहले जिला अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेप्रेशन यूनिट की स्थापना कराई गई थी। जिला अस्पताल की ब्लड बैंक के भवन का ही विस्तार कर इस यूनिट का संचालन किया जाना है। भवन का निर्माण हो चुका है। यूनिट के संचालन के लिए 25 मशीनों की जरूरत है, जिसमें से अभी तक शासन से मात्र पांच मशीनें ही उपलब्ध हो सकी हैं। इसके चलते यूनिट का संचालन शुरू नहीं हुआ है। वर्तमान समय में बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। मरीजों को प्लाज्मा और प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है। यूनिट का संचालन न होने के कारण मरीजों के लिए प्लाज्मा और प्लेटलेट्स की व्यवस्था जिले में नहीं हो पा रही है।
यूनिट संचालित हो तो एक यूनिट ब्लड से बचे तीन लोगों की जान
ब्लड सेप्रेशन यूनिट के संचालित होने पर एक यूनिट ब्लड जो अभी केवल एक मरीज के ही काम आ रहा है। वह तीन लोगों की जान बचा सकता है। एक यूनिट ब्लड से रेड सेल, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स प्राप्त किया जाएगा। यूनिट नहीं होने कारण ब्लड सेप्रेशन नहीं हो पा रहा है।
जिला अस्पताल से रेफर किए जा रहे मरीज
वर्तमान में डेंगू के साथ ही टाइफाइड व वायरल के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनके लिए प्लाज्मा के साथ ही प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है। जिला अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेप्रेशन यूनिट नहीं होने के कारण प्लाज्मा और प्लेटलेट्स के मरीज रेफर किए जा रहे हैं।
यूनिट के लिए जरूरी मशीनें प्राप्त नहीं हुई हैं। इस कारण यूनिट का संचालन शुरू नहीं हो सका है। जैसे ही मशीनें प्राप्त होती हैं, संचालन शुरू करा दिया जाएगा।
– डॉ. मदनलाल, सीएमएस।
मैनपुरी। मैनपुरी में डेंगू दस्तक दे चुका है। सरकारी अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों में मरीज भर्ती हैं। लेकिन इलाज के लिए अहम प्लेटलेट्स और प्लाज्मा की जिले में व्यवस्था नहीं है। दो साल पहले कंपोनेंट यूनिट तो मिली, लेकिन शुरू आज तक नहीं हो सकी। मजबूरी में मरीज महानगरों में इलाज करा रहे हैं।
दो साल पहले जिला अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेप्रेशन यूनिट की स्थापना कराई गई थी। जिला अस्पताल की ब्लड बैंक के भवन का ही विस्तार कर इस यूनिट का संचालन किया जाना है। भवन का निर्माण हो चुका है। यूनिट के संचालन के लिए 25 मशीनों की जरूरत है, जिसमें से अभी तक शासन से मात्र पांच मशीनें ही उपलब्ध हो सकी हैं। इसके चलते यूनिट का संचालन शुरू नहीं हुआ है। वर्तमान समय में बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। मरीजों को प्लाज्मा और प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है। यूनिट का संचालन न होने के कारण मरीजों के लिए प्लाज्मा और प्लेटलेट्स की व्यवस्था जिले में नहीं हो पा रही है।
यूनिट संचालित हो तो एक यूनिट ब्लड से बचे तीन लोगों की जान
ब्लड सेप्रेशन यूनिट के संचालित होने पर एक यूनिट ब्लड जो अभी केवल एक मरीज के ही काम आ रहा है। वह तीन लोगों की जान बचा सकता है। एक यूनिट ब्लड से रेड सेल, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स प्राप्त किया जाएगा। यूनिट नहीं होने कारण ब्लड सेप्रेशन नहीं हो पा रहा है।
जिला अस्पताल से रेफर किए जा रहे मरीज
वर्तमान में डेंगू के साथ ही टाइफाइड व वायरल के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनके लिए प्लाज्मा के साथ ही प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है। जिला अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेप्रेशन यूनिट नहीं होने के कारण प्लाज्मा और प्लेटलेट्स के मरीज रेफर किए जा रहे हैं।
यूनिट के लिए जरूरी मशीनें प्राप्त नहीं हुई हैं। इस कारण यूनिट का संचालन शुरू नहीं हो सका है। जैसे ही मशीनें प्राप्त होती हैं, संचालन शुरू करा दिया जाएगा।
– डॉ. मदनलाल, सीएमएस।
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