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जब भी प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ कन्हैया की नगरी मथुरा में आते हैं तो उनकी कोशिश रहती है कि जन्मस्थान पर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन जरूर करें। योगी जब भी योगीराज के दर्शन करते हैं तो उन्हें देशभर में प्रसिद्धि भी मिलती है। मुख्यमंत्री रहते हुए अब तक सात बार श्रीकृष्ण जन्म स्थान आकर दर्शन कर चुके हैं।
सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर लाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। सब कुछ ठीकठाक रहा तो अगले वर्ष पीएम भी श्रीकृष्ण जन्म स्थान के दर्शन करने आएंगे। पीएम का आना ही बहुत मायने रखता है। हालांकि गुजरात के सीएम रहने के दौरान नरेंद्र मोदी दो बार यहां आ चुके हैं। सूत्र तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि अयोध्या के बाद अब मथुरा की बारी आने वाली है। योगी बार-बार यहां आकर हिंदुत्व की धार देने का काम कर रहे हैं। इसी के सहारे आगामी लोकसभा चुनाव की दिशा भी तय मानी जा रही है।
मंगलवार को सीएम योगी जब श्रीकृष्ण जन्म स्थान पहुंचे तो उन्होंने भागवत भवन में राधा-कृष्ण, गर्भगृह, केशवदेव, योग माया के दर्शन किए। उन्होंने सुबह 11 बजे राजभोग के दौरान लड्डू का भोग लगाकर पुष्प अर्पण करके पूजा भी की।
व्यवस्था इस तरह की रखी गई कि श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो। आगे-आगे सीएम पूजा करते रहे, पीछे-पीछे श्रद्धालु दर्शन के लिए आते रहे। इसी बीच संस्थान प्रबंधन से सीएम ने पूछा कि मेरे आने से कहीं श्रद्धालुओं को कोई परेशानी तो नहीं हुई, इस पर बताया कि गया श्रद्धालु तो आपके दर्शन के लिए खड़े हैं।
वहां मौजूद भीड़ का योगी ने अभिवादन भी किया। दर्शन के वक्त संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र आदि शामिल रहे।
सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें केंद्रीय मंत्री, आरएसएस समेत अन्य हिंदूवादी संगठन शामिल हुए। एक प्रस्ताव यह भी रखा गया कि अयोध्या, द्वारिका व जम्मू कश्मीर समेत देश के करीब छह स्थानों से रथयात्रा निकाली जाए। यात्रा विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को जोड़ते हुए इसका समापन मथुरा में हो। इस एतिहासिक कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधन करें। फिलहाल इस प्रस्ताव पर अमलीजामा पहनाने पर मंथन चल रहा है।
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