Wednesday, January 8, 2025
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Cleanliness Campaign Agra Ganv Pradhan Do Not Know What Is The Plastic Bank – Agra: प्रधानों को नहीं पता क्या है प्लास्टिक बैंक, आगरा में धूल चाट रहा स्वच्छता अभियान

by amitsagar
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प्लास्टिक बैंक

प्लास्टिक बैंक
– फोटो : अमर उजाला

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ताजनगरी आगरा ही नहीं, गांव में भी स्वच्छता अभियान धूल चाट रहा है। यहां ग्रामीणों को गीले-सूखे कचरे में अंतर नहीं पता है। ग्राम प्रधानों को प्लास्टिक बैंक के बारे में ही पता नहीं है। जिले के 113 गांव ओडीएफ प्लस के लिए चयनित हुए हैं, जिनमें प्लास्टिक प्रबंधन के लिए कूड़ेदान की तर्ज पर प्लास्टिकदान रखे गए हैं। इनमें प्लास्टिक को इकठ्ठा करना है।

स्वच्छ भारत मिशन को पांच साल बीत गए। 2020 तक कागजों में 695 गांव खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) हो गए। अब एक कदम आगे ओडीएफ प्लस स्कीम में 113 गांव चयनित हुए हैं, इनमें कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक प्रबंधन होना है। बृहस्पतिवार को अमर उजाला टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक बैंक की पड़ताल की, तो ओडीएफ प्लस की पोल खुल गई। फतेहाबाद की मीठपुरा पंचायत के प्रधान रामदेव का कहना है कि उन्हें प्लास्टिक बैंक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। न विकास खंड अधिकारी ने कभी बताया। वरना के ग्राम प्रधान राजेश वर्मा ने बताया कि उन्हें नहीं पता प्लास्टिक बैंक क्या होता है।

एत्मादपुर ब्लॉक की बरहन में ग्राम प्रधान खेडी अडू विशंभर सिंह ने बताया कि प्लास्टिक बैंक कागजों में बन गई होगी। जमीन पर कोई बैंक नहीं। ग्राम प्रधान नगला पचौरी के पुत्र जयवीर सिंह का कहना था कि उन्होंने प्लास्टिक बैंक का कभी नाम तक नहीं सुना। नगला गोल की प्रधान के पति बीरेंद्र सिंह ने बताया कि प्लास्टिक बैंक के लिये पंचायत सचिव से कहा था, लेकिन उन्होंने यह कह कर टाल दिया कि लगवा देंगे अभी जरूरी नहीं है। ग्राम प्रधान बरहन भूदेव प्रसाद का कहना था कि प्लास्टिक  बैंक अभी नहीं लगा है। ये हाल तब है जब स्वच्छता मिशन के निदेशक से लेकर पंचायत राज विभाग के अफसर गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का दावा कर रहे हैं। 

यहां नहीं हैं प्लास्टिक बैंक

बिचपुरी ब्लॉक में 29 ग्राम पंचायत हैं। बिचपुरी और मिढ़ाकुर को छोड़कर किसी में प्लास्टिक इकठ्ठा करने के इंतजाम नहीं हैं। प्रधान बिचपुरी प्रदीप चौधरी व प्रधान मिढ़ाकुर वंदना सोलंकी ने बताया है कि ग्रामीणों को प्लास्टिक कचरा निर्धारित स्थान पर डालने के लिए जागरुक किया जा रहा है। अंगूठी, सदरवन, चौहटना, मघटई, आदि में प्लास्टिक खुले में पड़ा है।

जल्द बनाएंगे कार्य योजना 

अकोला ब्लॉक में मलपुरा के प्रधान हिम्मत सिंह ने बताया कि कूड़ा केंद्र के लिए जल्द कार्य योजना बनाई जाएगी। बरौली अहीर ब्लॉक की पंचायत इटौरा के प्रधान गौरव चौधरी ने बताया कि गांव में वॉल पेंटिंग से स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जारुआ कटरा के ग्राम प्रधान राजवती दुबे के प्रतिनिधि दिनेश दुबे ने बताया कि कुछ ही दिनों में प्लास्टिक बैंक लगाए जाएंगे। तैयारी पूरी कर ली गई है।

सीकरी में नहीं कोई इंतजाम

फतेहपुर सीकरी ब्लॉक में प्लास्टिक बैंक नहीं लगे हैं। एडीओ पंचायत हरिनरायण चौधरी ने बताया क्षेत्र के समस्त ग्रामों में लगभग सौ प्लास्टिक बैंक लगाये जाने की प्रकिया प्रारंभ की जा रही है। शीघ्र स्थापित होंगे। यहां दूरा, सीकरी चार हिस्सा, कौरई, सामरा, औलेंडा चयनित हैं। ग्रामीणों को गीले सूखे कचरे में अंतर तक नहीं पता। सीकरी चार हिस्सा के प्रधान डॉ. भरत सिंह लोधी ने बताया कि हमारे यहां भी प्लास्टिक बैंक नहीं है। ग्राम विकास अधिकारी दीपक सोलंकी ने बताया कि औलेंडा में प्लास्टिक बैंक लगाया जाएगा।

एडीओ व सचिव होंगे जिम्मेदार

जिला पंचायत राज अधिकारी नीतेश भोंडेले ने बताया कि ओडीएफ प्लस में चयनित गांवों के प्रधानों का लखनऊ और बुलंदशहर में प्रशिक्षण कराया था। प्लास्टिक बैंक की कार्य योजना बनाना सिखाया था। यदि वह कह रहे हैं उन्हें प्लास्टिक बैंक के बारे में पता नहीं है तो एडीओ पंचायत व सचिव जिम्मेदार हैं। उनके विरुद्ध कार्रवाई करेंगे। लोगों को जागरुक करेंगे। 

विस्तार

ताजनगरी आगरा ही नहीं, गांव में भी स्वच्छता अभियान धूल चाट रहा है। यहां ग्रामीणों को गीले-सूखे कचरे में अंतर नहीं पता है। ग्राम प्रधानों को प्लास्टिक बैंक के बारे में ही पता नहीं है। जिले के 113 गांव ओडीएफ प्लस के लिए चयनित हुए हैं, जिनमें प्लास्टिक प्रबंधन के लिए कूड़ेदान की तर्ज पर प्लास्टिकदान रखे गए हैं। इनमें प्लास्टिक को इकठ्ठा करना है।

स्वच्छ भारत मिशन को पांच साल बीत गए। 2020 तक कागजों में 695 गांव खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) हो गए। अब एक कदम आगे ओडीएफ प्लस स्कीम में 113 गांव चयनित हुए हैं, इनमें कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक प्रबंधन होना है। बृहस्पतिवार को अमर उजाला टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक बैंक की पड़ताल की, तो ओडीएफ प्लस की पोल खुल गई। फतेहाबाद की मीठपुरा पंचायत के प्रधान रामदेव का कहना है कि उन्हें प्लास्टिक बैंक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। न विकास खंड अधिकारी ने कभी बताया। वरना के ग्राम प्रधान राजेश वर्मा ने बताया कि उन्हें नहीं पता प्लास्टिक बैंक क्या होता है।

एत्मादपुर ब्लॉक की बरहन में ग्राम प्रधान खेडी अडू विशंभर सिंह ने बताया कि प्लास्टिक बैंक कागजों में बन गई होगी। जमीन पर कोई बैंक नहीं। ग्राम प्रधान नगला पचौरी के पुत्र जयवीर सिंह का कहना था कि उन्होंने प्लास्टिक बैंक का कभी नाम तक नहीं सुना। नगला गोल की प्रधान के पति बीरेंद्र सिंह ने बताया कि प्लास्टिक बैंक के लिये पंचायत सचिव से कहा था, लेकिन उन्होंने यह कह कर टाल दिया कि लगवा देंगे अभी जरूरी नहीं है। ग्राम प्रधान बरहन भूदेव प्रसाद का कहना था कि प्लास्टिक  बैंक अभी नहीं लगा है। ये हाल तब है जब स्वच्छता मिशन के निदेशक से लेकर पंचायत राज विभाग के अफसर गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का दावा कर रहे हैं। 

यहां नहीं हैं प्लास्टिक बैंक

बिचपुरी ब्लॉक में 29 ग्राम पंचायत हैं। बिचपुरी और मिढ़ाकुर को छोड़कर किसी में प्लास्टिक इकठ्ठा करने के इंतजाम नहीं हैं। प्रधान बिचपुरी प्रदीप चौधरी व प्रधान मिढ़ाकुर वंदना सोलंकी ने बताया है कि ग्रामीणों को प्लास्टिक कचरा निर्धारित स्थान पर डालने के लिए जागरुक किया जा रहा है। अंगूठी, सदरवन, चौहटना, मघटई, आदि में प्लास्टिक खुले में पड़ा है।

जल्द बनाएंगे कार्य योजना 

अकोला ब्लॉक में मलपुरा के प्रधान हिम्मत सिंह ने बताया कि कूड़ा केंद्र के लिए जल्द कार्य योजना बनाई जाएगी। बरौली अहीर ब्लॉक की पंचायत इटौरा के प्रधान गौरव चौधरी ने बताया कि गांव में वॉल पेंटिंग से स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जारुआ कटरा के ग्राम प्रधान राजवती दुबे के प्रतिनिधि दिनेश दुबे ने बताया कि कुछ ही दिनों में प्लास्टिक बैंक लगाए जाएंगे। तैयारी पूरी कर ली गई है।

सीकरी में नहीं कोई इंतजाम

फतेहपुर सीकरी ब्लॉक में प्लास्टिक बैंक नहीं लगे हैं। एडीओ पंचायत हरिनरायण चौधरी ने बताया क्षेत्र के समस्त ग्रामों में लगभग सौ प्लास्टिक बैंक लगाये जाने की प्रकिया प्रारंभ की जा रही है। शीघ्र स्थापित होंगे। यहां दूरा, सीकरी चार हिस्सा, कौरई, सामरा, औलेंडा चयनित हैं। ग्रामीणों को गीले सूखे कचरे में अंतर तक नहीं पता। सीकरी चार हिस्सा के प्रधान डॉ. भरत सिंह लोधी ने बताया कि हमारे यहां भी प्लास्टिक बैंक नहीं है। ग्राम विकास अधिकारी दीपक सोलंकी ने बताया कि औलेंडा में प्लास्टिक बैंक लगाया जाएगा।


एडीओ व सचिव होंगे जिम्मेदार

जिला पंचायत राज अधिकारी नीतेश भोंडेले ने बताया कि ओडीएफ प्लस में चयनित गांवों के प्रधानों का लखनऊ और बुलंदशहर में प्रशिक्षण कराया था। प्लास्टिक बैंक की कार्य योजना बनाना सिखाया था। यदि वह कह रहे हैं उन्हें प्लास्टिक बैंक के बारे में पता नहीं है तो एडीओ पंचायत व सचिव जिम्मेदार हैं। उनके विरुद्ध कार्रवाई करेंगे। लोगों को जागरुक करेंगे। 



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