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– फोटो : istock
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मथुरा एडीजे एफटीसी प्रथम (महिला विरुद्ध अपराध) ज्योति की अदालत ने बृहस्पतिवार को दहेज हत्या में एक पति को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस निर्णय में सबसे खास बात यह रही कि आरोपी के खिलाफ उसके बच्चों ने गवाही दी। दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी नरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि हाथरस जिले के सादाबाद स्थित गांव सरौठ निवासी राजन सिंह ने 3 अगस्त 2017 को थाना मांट में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि उसकी छोटी बहन सुमन की शादी घटना से करीब 14 वर्ष पूर्व मांट थाना क्षेत्र के ग्राम जावरा निवासी रामू पुत्र मंगल लाल के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराल वाले अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर सुमन को प्रताड़ित करते थे।
दहेज की मांग पूरी न होने पर 28 अप्रैल 2017 की सुबह रामू ने मारपीट करते हुए सुमन पर केरोसिन डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। सूचना के बाद भाई राजन सिंह व अन्य परिजनों के साथ बहन की ससुराल पहुंचे और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। 28 जुलाई 2017 की दोपहर सुमन ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने पति रामू के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। चार्जशीट के साथ ही अदालत में मृतका के मृत्यु पूर्व दिए बयानों को भी शामिल किया गया। बयानों में जिक्र था कि उसके पति ने ही उस पर केरोसिन डालकर आग लगाई थी।
इधर, अदालत में 12 वर्षीय कुमारी नेहा, 10 वर्षीय नितिन व 7 वर्षीय छोटू ने बतौर चश्मदीद गवाही दी। बच्चों ने बताया कि उसके पिता ने मां के साथ गाली गलौज करते हुए तेल डालकर आग के हवाले कर दिया था। एडीजीसी नरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि इस मामले में सात लोगों की गवाहों की हुई। अदालत ने सुमन के मृत्यु पूर्व बयान, तीनों बच्चों के बयानों को अहम मानते हुए व साक्ष्यों के आधार पर रामू को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।
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