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उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक अविनाश चंद्र मिश्रा ने बताया कि छत्रपति शिवाजी संग्रहालय का निर्माण 2016 में शुरू हुआ था। इसके निर्माण पर अब तक 99 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। सपा शासनकाल में हुई इसकी बिल्डिंग के निर्माण कार्यों की तत्कालीन मंडलायुक्त ने आईआईटी रुड़की द्वारा जांच कराई थी। इसके कई लैंटर में दरार पाई गई है। इसके बाद इसके कार्य रोक दिए गए थे। अब उन कमियां को कार्यदायी संस्था द्वारा दूर कराया जा रहा है।
इस परियोजना पर पहले 141 करोड़ रुपये खर्च होने थे। संग्रहालय का 70 फीसदी काम हो गया है। समय के साथ अब इसके निर्माण की अनुमानित लागत 170 करोड़ रुपये से ज्यादा आ रही है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जल्द ही संग्रहालय का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा। मिश्रा ने बताया कि इसमें छत्रपति शिवाजी के जीवन से संबंधित वस्तुओं का समावेश रहेगा। महाराष्ट्र के संग्रहालय से छत्रपति शिवाजी महाराज जी से जुड़ी कुछ वस्तुएं लाकर यहां रखी जाएंगी। संग्रहालय का आंतरिक ढांचा मराठा साम्राज्य की थीम पर बनाया जाएगा।
आगरा किले में दिसंबर में लाइट एंड साउंड शो फिर से शुरू किया जा रहा है। आगरा किला में झांसी के किले के समान नई तकनीकी पर आधारित साउंड एंड लाइट शो होगा, जिसमें लेजर लाइट का भी इस्तेमाल किया जाएगा। आगरा किला के इतिहास में अब मुगलों के अलावा छत्रपति शिवाजी और गुरु गोविंद सिंह का भी प्रभाव सुनने को मिलेगा। 1857 के स्वाधीनता संग्राम में आगरा की भूमिका और शहर के इतिहास को भी जाना जा सकेगा। इसकी स्क्रिप्ट फाइनल हो चुकी है। विश्व बैंक की मदद से 8.42 करोड़ रुपये की लागत से लाइट एंड साउंड शो शुरू किया जा रहा है।
हेलीपोर्ट सेवा दिसंबर से हो सकती है शुरू
संयुक्त निदेशक अविनाश चंद्र मिश्रा ने बताया कि आगरा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी को लेकर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। इसी क्रम में पहली बार आगरा और मथुरा के बीच हेलीपोर्ट सेवा का शुभारंभ जल्द ही होने जा रहा है। पीपीपी मोड पर हेलीपोर्ट सेवा शुरू करने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से निकाले गए टेंडर में पांच कंपनियों का चयन किया गया है। इस टूरिस्ट सीजन में दिसम्बर से हेलीपोर्ट सेवा पर्यटकों को मिलने लगेगी।
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