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रविवार को दोपहर तीन बजे से ही श्रद्धालु ठेकुआ, केला, नारियल, पपीता, सेब, अनार, सिंघाड़ा, संतरा, नीबू, अदरक, कद्दू मूली आदि की टोकरी और गन्ना लेकर बल्केश्वर, रामबाग, दशहरा घाट, हाथी घाट, कैलाश घाट पर पूजन के लिए पहुंचने लगे। चार बजे तक घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई।
श्रद्धालु ने घाट के किनारे वेदी बनाकर विधि-विधान से पूजा की। पानी में खड़ी होकर व्रतियों ने सूर्य देव को अर्घ्य दिया। सूर्य देव व छठ मैया से पुत्र की प्राप्ति, पति व पुत्र के दीर्घायु, परिवार में सुख-शांति की कामना की।
पूजन के बाद ढोल-नगाड़े की धुन पर श्रद्धालुओं ने नृत्य भी किया। घरवालों ने व्रतियों की सेवा की। आगरा के बल्केश्वर और रामबाग घाट पर श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ उमड़ी। आसपास के लोग भी छठ पूजा देखने पहुंचे।
सोमवार की सुबह श्रद्धालु उदयाचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य देंगे। इसके बाद घर पहुंचकर प्रसाद का वितरण किया जाएगा। इसी के साथ चार दिवसीय महापर्व का समापन हो जाएगा। सुरक्षा के मद्देनजर यमुना घाटों पर बल्लियां लगाई गई हैं।
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