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यमुना में स्नान करने पर श्रीकृष्ण ने ब्रज गोपियों के वस्त्र चुराए। ये द्वापर कालीन लीला एक बार फिर जीवंत हो उठी। माखन चोर कान्हा की चीरहरण लीला को देखकर श्रद्वालु आन्नद से भाव विभोर हो उठे। इस अद्भुत लीला को देखने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा।
शनिवार को राजस्थान के कांमा तहसील के अंतर्गत गांव पाछौल में स्थित प्राचीन लीला स्थली कदमखंडी में चीर हरण लीला का मंचन हुआ। मान्यता है कि आज से हजारों वर्ष पहले यहां यमुना नदी बहा करती थी। एक दिन जब ब्रज की गोपिकाएं यमुना में निर्वस्त्र स्नान कर रही थीं, तो माखन चोर श्रीकृष्ण ने उनके वस्त्रों का हरण कर कदम के वृक्ष पर ले जा बैठे थे। जब गोपियां स्नान कर यमुना से बाहर आईं और अपने वस्त्रों को न पाकर दुखी हो गईं।
तब उन्होंने मुरली मनोहर को कदम के वृक्ष पर बैठा देख, उनसे प्रार्थना करती हैं कि हे कृष्ण हमारे वस्त्र वापस कर दो। फिर भगवान श्रीकृष्ण उनसे वचन लेते हैं कि आज के बाद वे कभी निर्वस्त्र स्नान नहीं करेंगी। इसके बाद श्रीकृष्ण ने गोपियों के वस्त्र वापस किए। इस चीरहरण लीला का मंचन उसी जगह किया गया, जहां कभी यमुना बहा करती थी। श्रीकृष्ण की इस अनोखी लीला के दर्शन कर भक्त धन्य हुए। अद्भुत लीला की एक झलक पाने के लिए भक्त आतुर नजर आ रहे थे।
राधा बाग व करहला में महारास आज
बूढ़ी लीला महोत्सव के कार्यक्रमों के चलते रविवार को करहला व कस्बे के राधा बाग में महारास लीला का आयोजन किया जाएगा। वहीं महारास लीला के साथ ही बूढ़ी लीला महोत्सव का समापन भी हो जाएगा।
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