[ad_1]
By: Inextlive | Updated Date: Sun, 25 Jun 2023 07:26:49 (IST)
शहर की पॉश कॉलोनी में रहने वाले लोग हनी ट्रैप का शिकार हो रहे हैंं. किसी भी अननॉन से सोशल मीडिया से दोस्ती भारी पड़ सकती है. पहले दोस्ती के बाद शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का खेल, इसमें आम जन के साथ पढ़े, लिखे लोग भी इसका शिकार हैं, जो बदनामी के डर से पुलिस से मदद नहीं मांगते, जबकि कई मामले थाने तक पहुंच जाते हैं.
आगरा (ब्यूरो): केस1शहर की एक पॉश कॉलोनी में रहने वाले बुजुर्ग से महिला पिछले कई वर्ष से ब्लैकमेल कर वसूली कर रही थी। वसूली से परेशान होकर वृद्ध अपने परिजनों के साथ पुलिस अधिकारी से मिले। आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। लिया, लेकिन दी गई रकम बरामद नहीं हो सकी।
केस2
ब्लैकमेल करने की रची साजिश
हनी ट्रैप का शिकार हुए कमला नगर में रहने वाले एक निजी कंपनी में अधिकारी ने बताया कि एक महिला एक वर्ष पूर्व सोशल मीडिया के जरिए उनके संपर्क में आई, खुद को जरूरतमंद बताते हुए कुछ रकम मांगी थी। उसके ठाठ-बाट देख उन्होंने रुपए दे दिए। जिसके बाद उसने कई बार उनसे बड़ी रकम ली। इस दौरान उनसे नजदीकियां बढ़ा ली। जो ब्लैकमेल करने की साजिश थी।
शातिर प्रोफाइल देख बना रहे शिकार
सोशल मीडिया पर एक्टिव गैंग महिलाओं के जरिए लोगों को अपना शिकार बना रहा है, फेसबुक पर मैसेंजर के जरिए दोस्ती करने के बाद बिना कपड़ों के वीडियो कॉल एंजाय करने का ऑफर देते हैं, इसके चक्कर में फंसने वाले लोग हनी ट्रैप का शिकार हो जाते हैं।
इन महिलाओं पर हो चुकी है कार्रवाई
-जुलाई 2022 में हरीपर्वत पुलिस ने अंजली नाम की महिला और दो अधिवक्ताओं को जेल भेजा था। महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। राजीनामा करने को पांच लाख रुपए मांग रही थी।
-सितंबर 2022 में जगनेर पुलिस ने धौलपुर की महिला समेत तीन लोगों को जेल भेजा था। महिला ने अनाज मंडी के व्यापारियों को हनी ट्रैप में फंसाया था।
-जुलाई 2021 में एत्माद्दौला थाना क्षेत्र के रहने वाले डाक्टर उमाकांत गुप्ता हनी ट्रैप का शिकार हो गए थे। जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की।
-फरवरी 2020 में मंगला नाम की महिला ने अपने जाल में फंसाकर मित्रता की। मिलने के बहाने बाईपास पर बुलाया। उसके साथी डाक्टर को अगवा कर धौलपुर ले गए थे।
सोशल मीडिया पर हनी ट्रैप में लोगों को फंसाने के लिए गैंग एक्टिव है, जो दोस्ती की आड़ में लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। सोशल मीडिया पर किसी अजनबी की फ्र ंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट न करें, अलर्ट रहे।
सुल्तान सिंह, प्रभारी साइबर सेल
[ad_2]
Source link