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जगदीशपुरा थाना
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के बोदला में बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जे के केस में पुलिस चार्जशीट लगाने की तैयारी कर रही है। एक ही केस में साक्ष्य संकलन के आधार पर अलग-अलग आरोपी बनाते हुए कार्रवाई होगी। एक तो फर्जी मुकदमे दर्ज करने और डकैती के आरोपी बनाए जाएंगे। दूसरा फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों के खिलाफ अलग से चार्जशीट लगेगी।
बोदला मार्ग पर बैनारा फैक्टरी के पास 10 हजार वर्ग गज जमीन पर कब्जा किया गया था। 2 फर्जी मुकदमे दर्ज कर केयरटेकर रवि कुशवाह सहित उसके परिवार के पांच सदस्यों को जेल भेजा गया था। जमानत पर बाहर आने के बाद पीड़ितों ने ने पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई थी। थाना जगदीशपुरा में 7 जनवरी को तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार, बिल्डर कमल चौधरी और उसके बेटे धीरू चौधरी सहित 15 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि एसआईटी जांच कर रही है। साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। आरोपियों को जेल भी भेजा गया है। पहले एक ही केस में दो हिस्सों में चार्जशीट लगाई जा सकती है। एक चार्जशीट डकैती के मामले में लगेगी, दूसरी फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों के खिलाफ लगाई जाएगी।
पुलिस कर रही साक्ष्य संकलन
डकैती का मुकदमा उमा देवी ने दर्ज कराया था। पिछले दिनों पुलिस ने उमा देवी, केयरटेकर रहे रवि कुशवाह सहित 6 को जेल भेज दिया था। उन पर आरोप लगाया कि जमीन के स्वामी रहे टहल सिंह की मृत्यु का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया। उमा देवी ने खुद को टहल सिंह के बेटे जसवीर की बहू होना दर्शाया था। मगर, जसवीर टहल सिंह का बेटा नहीं साला था। जसवीर के मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर उसे जमीन का फर्जी वारिसान बना दिया गया था। पुलिस इस मामले में भी साक्ष्य संकलन कर रही है।
बड़ा सवाल, गांजा और शराब कहां से आई
रवि कुशवाह और उसके परिवार को जेल भेजने के लिए दो फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए थे। पहली बार गांजा बरामद दिखाकर रवि कुशवाह, उसके भाई शंकरिया और एक अन्य को जेल भेजा था। इसके बाद दूसरा मुकदमा शराब बरामदगी में लिखा गया। इसमें रवि की पत्नी, बहन और एक अन्य को जेल भेजा गया। एसआईटी की जांच शुरू हुई तो इस बारे में भी जानकारी जुटाई गई कि फर्जी मुकदमे दर्ज करने के लिए शराब और गांजा कहां से आया। मगर, 4 महीने बाद भी पुलिस इस बारे में सही जानकारी नहीं जुटा सकी है। यह सवाल ही बना हुआ है।
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