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झोपड़ी (सांकेतिक)
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उत्तर प्रदेश के एटा में तीन बच्चों के हाथ पैर बांधकर झोपड़ी में डालकर आग लगाने का प्रयास करने का मामला सामने आया है। मंगलवार को इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। गांव के ही दबंगों पर बच्चों की जिंदा जलाकर हत्या करने का आरोप है। जबकि, एक दिन पहले ही थाने पर तैनात चौकीदार से विवाद होने पर पुलिस ने शांतिभंग में चालान किया था।
घटना पिलुआ थाना क्षेत्र के गांव खेरिया की है। गांव निवासी मुकेश सविता ने बताया कि उसके तीन बच्चे विजय (14), सोनू (8), मोनू (6) के हाथ पैर बांधकर मंगलवार तड़के झोपड़ी में डाल दिया गया। इसके ऊपर से बिजली की केबल जा रही थी। इसको काटकर आग लगाने का प्रयास किया। लेकिन, आग किसी तरह से नहीं लग सकी। बच्चे हाथ पैर बांधने की वजह से घबराए हुए थे। इसकी वजह से चिल्ला भी नहीं सके थे।
गांव के ही कुछ दबंगों पर आरोप
सुबह करीब 6 बजे देखा गया तो तीनों बच्चे हाथ पैर बंधे पड़े थे। इनको किसी तरह से खोला और सकुशल बाहर निकाला। वारदात करने का आरोप गांव के ही कुछ दबंगों पर लगाया जा रहा है। मुकेश ने बताया की मेरे घर में मां और तीन बच्चे रहते हैं। मंगलवार सुबह लगभग 5 बजे कुछ लोगों ने मेरे घर पर हमला बोल दिया।
उन्होंने बताया कि सोमवार को चौकीदार से झगड़ा होने पर पुलिस ने शांतिभंग में चालान कर दिया था। मैं कल जमानत करवाकर कोतवाली देहात के गांव नगला मुरली में अपनी मौसी के घर रुक गया था। मंगलवार सुबह गांव से फोन आया तब जाकर देखा।
पुलिस मामले की जांच में जुटी
थानाध्यक्ष दिनेश सिंह ने बताया मुकेश शराब पीने का का आदी है। आए दिन गांव में झगड़ा फसाद करता है। इसका सोमवार को भी झगड़ा हुआ था। तब शांतिभंग की कार्रवाई की गई। बच्चों को हाथ पैर बांधकर डालने व आग लगाने का प्रयास करने की कहानी झूठी रची गई है। फिर भी मामले की जांच की जा रही है।
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