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कैप्टन शुभम गुप्ता
– फोटो : अमर उजाला
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राजोरी में बलिदान हुए 9 पैरा स्पेशल फोर्स के कमांडो कैप्टन शुभम गुप्ता को मरणोपरांत सेना मेडल मिलेगा। गणतंत्र दिवस के मौके पर यूनिट ने बहादुरों के नाम जारी किए हैं। इसमें अपने शुभम का नाम देखकर हर शहरवासी को गर्व हो रहा है।
प्रतीक एन्क्लेव निवासी बलिदानी के पिता डीजीसी अपराध बसंत गुप्ता ने बताया कि मेरे बहादुर बेटे पर सभी को गर्व है। वह 22 नवंबर को राजोरी में भारतीय नागरिकों को बचाने में शहीद हो गया। उसके पार्थिव शरीर के दर्शन करने के लिए दूरदराज के लोग जुटे थे। यूनिट के अधिकारियों ने फोन पर बेटे को सेना मेडल मिलने की जानकारी दी। बलिदानी के छोटे भाई ऋषभ गुप्ता ने बताया कि ये बात मां से साझा की तो वो मेरे गले लग फफकने लगीं। भाई का नाम लेकर पुकारने लगीं। जैसे-तैसे उनको संभाला है।
वीरता और असाधारण समर्पण के लिए मिलता है सेना मेडल
सेना मेडल सैनिकों की वीरता, कर्तव्य के प्रति असाधारण समर्पण और साहस के ऐसे व्यक्तिगत कार्याें के लिए दिया जाता है, जो सेना के लिए विशेष महत्व रखते हैं। पुरस्कार मरणोपरांत भी दिया जाता है। ये सेना की सभी रैंक को दिया जाता है। सेना पदक की स्थापना देश के राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद 26 जनवरी 1960 को की गई थी।
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