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एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में लंबे समय से बीडी-तंबाकू की लत से दो मरीजों के पैंक्रियाज में कैंसर हो गया। इसका संक्रमण आंत, पित्त की नली तक पहुंच गया। एसएन मेडिकल कॉलेज में दो मरीजों के ऑपरेशन कर जान बचाई है। ऑपरेशन 8-8 घंटे तक चले। मरीज डिस्चार्ज कर दिए गए हैं।
एसएन के सुपर स्पेशियलिटी सेंटर के गेस्ट्रो सर्जन डॉ. विजय सैनी ने बताया कि शहर के 75 और 65 साल के दो मरीज बीते सप्ताह इमरजेंसी में भर्ती हुए थे। इनकी जांच में पैंक्रियाज में कैंसर मिला। इससे आमाशय, पित्त की नली और छोटी आंत तक संक्रमण पहुंच गया था। पूछताछ में मरीजों ने बताया कि 30-40 साल से बीड़ी-तंबाकू की लत है। ऐसे में ऑपरेशन कर संक्रमित अंगों के हिस्से को काटकर अलग कर नए सिरे से जोड़कर रास्ता तैयार किया। सर्जरी में ये बेहद जटिल है और एसएन मेडिकल कॉलेज में पहली बार हुआ है।
इसमें एक मरीज को मधुमेह, हाइपोथाइरायड, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग भी था। स्टैंट भी पड़ा था और महीनेभर पहले आंत के कैंसर का ऑपरेशन भी हुआ। प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता और विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत लवानियां ने बताया कि दिल्ली में निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराने पर 8-10 लाख रुपये का खर्च आता है। टीम में एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. राजीव पुरी, डॉ. अर्पिता सक्सेना, डॉ. हरी सिंह, डॉ. दीपक, डॉ. निलांसा, डॉ. श्रेया, रेनू भी रहीं।
ये हैं लक्षण:
विशेषज्ञ डाॅ. विजय सैनी ने बताया कि पैंक्रियाज एक ग्रंथी है और इंसुलिन बनाती है। ये शुगर को नियंत्रित करता है। भोजन भी पचाता है। पैंक्रियाज हेड में कैंसर से मरीज के पेट में दर्द, पीलिया, मधुमेह, भूख न लगना और वजन घटने की परेशानी होने लगती है। इसका ऑपरेशन कर पैंक्रियाज के कैंसर वाला भाग, छोटी आंत का हिस्सा और पित्त की थैली व नली काटकर हटाया जाता है। इसके बाद छोटी आंत, पैंक्रियाज, पित्त की बची थैली और आमाशय को जोड़ा जाता है।
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