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इस आदेश से ताजगंज क्षेत्र में 3000 व्यापारिक प्रतिष्ठान प्रभावित हो सकते हैं, जिसे आधार बनाते हुए मानवीय दृष्टिकोण से जिला प्रशासन, विकास प्राधिकरण ने व्यापारियों को 17 जनवरी 2023 तक व्यावसायिक गतिविधियां बंद करने की मोहलत दी है। तीन महीने बाद यदि दुकानें नहीं हटीं तो पुलिस प्रशासन बलपूर्वक प्रतिष्ठान बंद कराएंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना के तहत कार्रवाई करेगा।
ऐसे में ताजगंज के व्यापारियों से रोजी रोटी छिनने का खतरा खत्म नहीं हुआ। कुछ दिन के लिए टल जरूर गया है। इधर, ताजगंज वेलफेयर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध याचिका दायर की है। जिस पर 31 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही व्यापारियों को स्थायी राहत मिल सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय प्रभावी होगा
जिलाधिकारी नवनीत चहल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी निर्णय होगा वह प्रभावी होगी। व्यावसायिक गतिविधियां बंद करने के लिए 17 जनवरी तक की मोहलत दी गई है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने पर कार्रवाई होगी।
आदेश का अनुपालन होगा
आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ का कहना है कि मानवीय दृष्टिकोण एवं आजीविका की समस्या के मदद्देनजर तीन महीने का समय बढ़ाया है। सुप्रीम कोर्ट ने व्यावसायिक गतिविधियां बंद करने के आदेश दिए हैं। उनका अनुपालन कराया जाएगा।
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