Wednesday, January 8, 2025
Home Agra Business Activities Will Not Be Closed Within 500 Meters Of Taj Mahal In Agra – Taj Mahal: अमर उजाला बना ताजगंज के दर्द का साझीदार, रंग लाया संघर्ष, 50 हजार दुकानदारों की खुशियां लौटीं

Business Activities Will Not Be Closed Within 500 Meters Of Taj Mahal In Agra – Taj Mahal: अमर उजाला बना ताजगंज के दर्द का साझीदार, रंग लाया संघर्ष, 50 हजार दुकानदारों की खुशियां लौटीं

by amitsagar
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ताजमहल की 500 मीटर परिधि में दुकानों को बंद करने के नोटिस मिले तो हजारों लोगों की रातों की नींद और दिन का चैन उड़ गया। 45 दिन तक एडीए, कमिश्नर से लेकर मुख्यमंत्री तक के कार्यालयों में गुहार लगाई। सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो पहले दिन याचिका में पक्ष रखते ही राहत मिल गई। 45 दिन का संघर्ष आखिर रंग लाया और असमंजस में फंसे 50 हजार लोगों ने चैन की सांस ली। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद याचिकाकर्ता ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन के सदस्य जब आगरा लौटे तो ताजगंज में जगह-जगह दिवाली मनी। मिठाइयां बांटकर लोगों ने खुशियां मनाई। डेढ़ माह के बाद कोर्ट के आदेश से उन्हें सुकून मिला है।

ताजगंज पश्चिमी गेट के दुकानदारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को एडीए को 500 मीटर परिधि में व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने के आदेश दिए थे। आगरा विकास प्राधिकरण ने पश्चिमी गेट पर आईटीडीसी रेस्टोरेंट, मीना बाजार और नीम तिराहे पर खुद की बनाई दुकानों को बंद करने की जगह ताजगंज के दुकानदारों को कारोबार बंद करने का नोटिस थमा दिया। इस नोटिस से पहले कोई कानूनी सलाह भी नहीं ली गई।

आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के अधिकारियों की जल्दबाजी के कारण पूरे ताजगंज के कारोबार पर संकट के बादल खड़े हो गए, जबकि ताजगंज बाजार 400 साल से मौजूद है। मामला बढ़ा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा, तब जाकर एडीए के अधिकारियों का कानूनी सलाह की याद आई और 15 दिन की मियाद को बढ़ाकर 3 माह किया गया। इस बीच एडीए ने अवैध रूप से बनाई गई खुद की दुकानों और नीम तिराहे से अपने अवैध निर्माण को न ढहाया न ही बंद कराया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ताजगंज के लोगों के दर्द का साझीदार अमर उजाला बना। पहले ही दिन से ताजगंज की मुश्किलों को अमर उजाला ने बयां किया। ताजमहल के बनने के दौरान ताजगंज बाजार और पादशाहनामा में दर्ज बाजार के ब्योरे को प्रकाशित किया। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में अमर उजाला की उन खबरों को शामिल किया गया, जिसमें ताजगंज के पुराने बाजार के रिकॉर्ड के साथ पुरानी पेंटिंग को प्रकाशित किया गया था। एडीए के नोटिस से परेशान लोगों की पीड़ा को अमर उजाला ने पूरे 45 दिन तक आवाज दी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन और ताजगंज के लोगों ने सहयोग के लिए अमर उजाला को धन्यवाद दिया। 

ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष नितिन सिंह ने कहा कि हम उन सभी के शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने हमारे पक्ष को सुना और राहत दी। कोर्ट के फैसले से ताजगंज के 400 साल से चले आ रहे कारोबार को राहत मिली है। यह लिविंग हेरिटेज है, जिसे देखने और समझने के लिए पर्यटक यहां कई दिन रहते हैं। 

 

ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन के संदीप अरोड़ा ने कहा कि कोर्ट में सही तथ्य नहीं रखे गए थे, जिस वजह से पूर्व में आदेश आया। हमने जब सही तथ्य और जानकारियां कोर्ट के सामने पेश कीं तो पहली ही सुनवाई में सब ठीक हो गया। एडीए के अधिकारियों को अब सबक लेना चाहिए। दो बार कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या अधिकारियों ने की है। 



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