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घटनास्थल पर खड़ी क्षतिग्रस्त बस
– फोटो : अमर उजाला
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कानपुर से आगरा आ रही फोर्ट डिपो की बस हाईवे पर एत्मादपुर में कुबेरपुर के पास बृहस्पतिवार सुबह 6 बजे खड़े क्षतिग्रस्त टैंकर में पीछे से टकरा गई। बस का अगला हिस्सा टैंकर में घुस जाने से दो लोगों की मौत हो गई, 12 यात्री घायल हैं। बताया गया है कि कानपुर से बस रात 12 बजे बस स्टैंड से चली। एक घंटे बाद ही चालक को झपकी आने लगी। इसका पता चालक के ब्रेक लगाने पर हुआ। एक गाड़ी के आने पर उसने बस को रोक दिया। इस पर उसे टोका। कहा कि देखकर चलाओ। मगर, चालक आगे चल दिया।
इटावा टोल पर भी एक गाड़ी से टकराने पर तेजी से ब्रेक लगाकर रोक दिया। फिर भी यात्रियों ने उससे यही कहा कि सुरक्षित तरीके से चलाओ। फिरोजाबाद में फिर ऐसा ही हुआ। यात्रियों ने चालक से मुंह पानी से धोने के लिए बोला। मगर, चालक की जल्दी से चौथी बार हादसा हो गया। एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में दर्द से कराहते मलपुरा के रोहित ने यह बात पुलिस को बताई। कहा कि चालक नींद में था। इस वजह से हादसा हुआ। रोहित के सिर, हाथ और पैर में चोट लगी है।
इसी तरह मथुरा निवासी सुनील भी घायल हुए हैं। वह आजमगढ़ ससुराल से लौटकर आ रहे थे। उन्होने बताया कि चालक बस को बहुत स्पीड में चला रहा था। फिरोजाबाद के पास एकदम से ब्रेक लगाए तो सारे यात्री आगे की तरफ आ गए, जिसके बाद सभी यात्रियों ने शोर मचाकर बस को रुकवाया। चालक से कहा की भइया मुंह धोकर चलो। मगर, उसने नहीं सुनी।
फिरोजाबाद के श्रीपाल कॉलोनी निवासी सिकंदर रेवाड़ी ड्यूटी के लिए जा रहे थे। वह इमरजेंसी में भर्ती हैं। उनके सिर और पैर में चोट लगी है। उन्होंने पुलिस को बताया कि चालक तेज गति में बस चला रहा था। जब हादसा हुआ वह नींद में थे। उन्हें अस्पताल में ही होश आया।
बस हादसे में कानपुर निवासी आकांक्षा शाहू और अश्वनी शाहू भी घायल हुए हैं। उनके परिजन ने बताया कि दोनों भाई बहन आगरा आ रहे थे। रास्ते में हादसा हो गया। अश्वनी के सिर में ज्यादा चोट आई है। आकांक्षा के हाथ और पैर में फैक्चर हैं। एसएन के ट्रॉमा सेंटर में उनका इलाज चल रहा है।
गहरी नींद में सोते समय निकली चीखें
इटावा से बैठकर कुबेरपुर तक आ रहे सौरव यादव को भी चोटें आई हैं। उन्होंने बताया कि बस चालक को हादसे से पहले भी फिरोजाबाद और टूंडला के पास भी झपकी लगी थी, तब हादसा बच गया था। हादसा जिस वक्त हुआ, उस समय ज्यादातर यात्री सो रहे थे। हादसा होते ही अधिकांश यात्री सीटों से नीचे गिर पड़े। उनकी चीखें निकल गईं। कई यात्रियों के बस के एंगल हाथ पैरों में घुस गए। बस में बैठे अश्विनी व आकांक्षा हादसे के बाद लोगों से बचाने की गुहार लगा रहे थे। दोनों सीट में फंसे हुए थे।
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पुलिस के साथ ग्रामीण और टोलकर्मी की मदद कई यात्रियों की जान बची
आगरा-कानपुर हाईवे पर बस हादसे के बाद छलेसर चौकी प्रभारी राकेश कुमार पहुंचे थे। उन्होंने हादसा देखा तो थाने पर सूचना दी। मगर, थाना दस किलोमीटर की दूरी पर था। इस कारण उन्हें मदद देर से मिलने की उम्मीद थी। बस में चीख पुकार मच रही थी। इस पर उन्होंने रहनकलां टोल पर सूचना दी। मैनेजर सहित अन्य से घटनास्थल पर पहुंचने के लिए बोल दिया। कुछ ही देर में कर्मचारी और अन्य लोग पहुंचे गए। इसके बाद रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया। घायलों को लोगों ने बाहर निकाला। पुलिस ने यातायात भी संभाला, जिससे जाम नहीं लगने पाए। आसपास के गांवों के 50-60 लोग भी पहुंच गए। इस वजह से घायलों को समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया गया, जिससे कई की जान बच गई।
पहले अज्ञात वाहन में टकराया था टैंकर
थाना एत्मादपुर पुलिस ने बताया कि बस हादसे से पहले अज्ञात वाहन में पीछे से टैंकर की टक्कर लगी थी। इस हादसे में टैंकर चालक रिंकू सिंह निवासी नया गांव, थाना मुरसान, हाथरस और कुलदीप निवासी बिहारीपुर, इगलास, अलीगढ़ घायल हो गए थे, जिनको उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। पुलिस अंधेरा होने के कारण टॉर्च की रोशनी दिखाकर वाहनों की गति कम कराने और अलर्ट करने का प्रयास कर रही थी। तभी ये बस टैंकर में जा घुसी।
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