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BSA की छापेमारी में बिना मान्यता चलते मिले चार स्कूल
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में बेसिक शिक्षा विभाग ने बुधवार को चार स्कूलों पर छापा मारा। ये स्कूल मान्यता नहीं दिखा पाए। बल्कि इनमें कक्षा 10 तक कक्षाएं संचालित होते मिलीं। इनके मालिक को नोटिस देकर मान्यता और संबंधित विभागों की एनओसी तलब की है। उपलब्ध नहीं कराने पर स्कूलों को बंद कराते हुए कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
एडी बेसिक महेश चंद ने बताया कि शिकायत मिली थी कि विद्यालय बिना मान्यता के प्रवेश लेकर पढ़ाई करा रहे हैं। यहां शिक्षा के अधिकार का भी पालन नहीं किया जा रहा। इस पर बीएसए, नगर शिक्षा अधिकारी के साथ चारों स्कूलों में छापा मारा। इस दौरान उन्होंने कक्षाओं का निरीक्षण किया।
स्कूल प्रबंधन से मान्यता संबंधी दस्तावेज मांगे। इनमें से एक भी स्कूल संचालक मान्यता नहीं दिखा पाया। जब इनसे संबंधित विभागों की एनओसी मांगी गई, तो ये वह भी नहीं दिखा सके। इन्हें दो दिन का समय दिया गया है। मान्यता नहीं दिखा पाने पर इनको बंद करके संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
नगर शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र शर्मा ने बताया यह स्कूल बिना मान्यता के संचालित होते मिले –
- श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल: शास्त्रीपुरम स्थित इस स्कूल में कक्षा एक से 9 तक की कक्षाएं संचालित मिली। इसमें करीब 450 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे थे। प्रधानाचार्य बीना श्रामल्ला और निदेशक सीमा बोमन्ना मिलीं। इन्होंने बताया कि 2022 से ये स्कूल चल रहा है। मौके पर ये मान्यता संबंधी कागजात नहीं दिखा पाए
- आरजीएस कान्वेंट स्कूल: शास्त्रीपुरम-बिचपुरी रोड स्थित इस स्कूल में कक्षा आठ तक की प़ढ़ाई हो रही थी। यहां 150 बच्चे बताए गए। स्कूल के मालिक और प्रधानाचार्य ने अपना नाम नहीं बताया। जांच में सहयोग नहीं किया। स्टाफ से पता चला कि दो-तीन साल से स्कूल संचालित बताया।
- एमएस किड्स स्कूल: शास्त्रीपुरम-बिचपुरी रोड पर ही चल रहे इस स्कूल में कक्षा आठ तक की पढ़ाई चल रही थी। यहां प्रधानाचार्य रिचा मिलीं। उनसे स्कूल के मान्यता दिखाने को कहा तो वह दिखा नहीं पाईं। स्कूल कब से चल रहा है, इसकी भी सही जानकारी नहीं दी।
- एसडी कान्वेंट स्कूल: शास्त्रीपुरम-बिचपुरी रोड पर चल रहे एसडी कान्वेंट स्कूल में कक्षा 10 तक की कक्षाएं चल रही थीं। यहां स्कूल के मालिक संदीप उपाध्याय और प्रधानाचार्य प्रीति शर्मा मिलीं। पूछने पर छात्रों की कुल संख्या करीब 150 बताई। ये भी मान्यता नहीं दिखा पाए।
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