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मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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धार्मिक आयोजनों की दृष्टि से मथुरा को जीवंत शहर मना जाता है। यहां आए दिन उत्सव होते हैं। मेले लगते हैं। इनमें स्थानीय लोगों के साथ बड़ी संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालुओं की भी सहभागिता रहती है। इसी परंपरा को महोत्सव का स्वरूप दिया जाएगा। इसकी रूपरेखा उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने तैयार की है। इसमें वर्ष भर में 10 बडे़ आयोजन होंगे।
होली के रंग हो या फिर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव, ब्रज में इनके उल्लास की भव्यता देखते ही बनती है। यही नहीं विभिन्न मंदिरों में प्राचीन परंपराओं के अनेक आयोजन भी होते हैं। अब इन सभी धार्मिक और सांस्कृतिक रूप में होने वाले आयोजनों का व्यापकता प्रदान करने की योजना अब ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने तैयार की है। इसके तहत वर्ष भर में 10 बडे़ आयोजन भगवान श्रीकृष्ण की जन्म स्थली के साथ उनकी लीला स्थलियों में होंगे। ब्रज साहित्य में रसे बसे कान्हा के भक्तों की जयंती को भी उनकी शैली के अनुरूप मनाया जाएगा।
ये हैं प्रमुख आयोजन
जनवरी/फरवरी – बसंतोत्सव तीन दिवसीय आयोजन
मार्च/अप्रैल – रंगोत्सव(होली) दस दिवसीय आयोजन
मई – सूरदास जयंती पर दो दिवसीय सूरदास, मीरा, रसखान के पदों का गायन
जुलाई/अगस्त- हरियाली तीज पर दो दिवसीय झूलनोत्सव
अगस्त- श्रीकृष्णोत्सव, नंदोत्सव व बल्देव छठ (पांच दिवसीय आयोजन)
सितंबर – राधाष्टमी पर दो दिवसीय हरिदास अंतरराष्ट्रीय संगीत समारोह
सितंबर – पितृ पक्ष में पांच दिवसीय सांझी महोत्सव
अक्तूबर – शरद पूर्णिमा पर दो दिवसीय शरदोत्सव
नवंबर – कार्तिक पूर्णिमा पर 11 दिवसीय ब्रज रज उत्सव
दिसंबर – गीता जयंती एक दिवसीय आयोजन
दिखाई देगी त्योहारों की रंगत
उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद के सीईओ नागेंद्र प्रताप ने बताया कि यहां होली व जन्माष्टमी समेत विभिन्न त्योहार बड़े स्तर पर मनाए जाते हैं। अगले वर्ष से 10 बड़े त्योहारों को भव्यता से मनाने का फैसला लिया गया है। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। पूरे जनपद में त्योहारों की रंगत दिखाई देगी। तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं।
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