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मैनपुरी।
परिषदीय स्कूलों के लिए किताबें चार महीने देर से आई हैं। किताबें आ गईं तो अफसरों और शिक्षकों के बीच किताबें को लेकर रार चल रही है। कई विकास खंडों में खंड शिक्षाधिकारी स्कूलों तक किताबें नहीं पहुंचा रहे हैं, जिसके चलते शिक्षक विरोध पर उतर आए हैं।
शिक्षक नेताओं का कहना है कि शासनादेश के तहत जनपदीय भंडारण से बीएसए द्वारा टेंडर जारी कर पुस्तकों को ब्लॉक संशोधन केंद्रों पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद खंड शिक्षाधिकारी ब्लॉक स्तर पर टेंडर जारी कर पाठ्य पुस्तकों को स्कूलों तक भेजेंगे। इसके लिए धनराशि शासन से उपलब्ध होगी। जो शिक्षक बीआरसी से किताबें लेने नहीं जा रहे हैं, उन्हें कार्रवाई का भय दिखाया जा रहा है।
केस नंबर-एक
प्राथमिक शिक्षक संघ की घिरोर ब्लॉक इकाई की बैठक बुधवार को हुई। बैठक में प्राथमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष डॉ. कमलेश ने आरोप लगाया कि खंड शिक्षाधिकारी घिरोर बीआरसी से किताबें स्कूलों में नहीं भिजवा रहे हैं। शिक्षकों पर दबाव बनाया जा रहा है कि बीआरसी से किताबें उठाएं, जबकि शासनादेश के तहत स्कूल तक किताबें पहुंचाने
केस नंबर-दो
सुल्तानगंज विकास खंड के स्कूलों पर किताबों नहीं पहुंचीं। शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुजीत सिंह चौहान का कहना था कि सरकार जब स्कूल तक पहुंचने का पैसा देती है तो फिर किताबें स्कूल तक क्यों नहीं पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक स्कूलों में 40 प्रतिशत किताबें तक नहीं पहुंची हैं।
केस नंबर-तीन
जागीर विकास खंड में प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बीईओ से मुलाकत की और कहा कि शासनादेश के तहत स्कूलों तक किताबें पहुंचाई जाएं। शिक्षक को परेशान न किया जाए। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री एमपी सिंह का आरोप है कि अधिकारी पुस्तकों को शासनादेश के विपरीत बीआरसी से उठाने के लिए दबाव बना रहे हैं। शिक्षकों का शोषण किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सभी बीआरसी केंद्रों पर पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। खंड शिक्षाधिकारियों को किताबें स्कूलों तक भेजने के आदेश जारी किए गए हैं। यदि कहीं दिक्कत हो रही है तो उसकी जांच कराकर किताबें स्कूलों तक भिजवाई जाएंगी। – दीपिका गुप्ता बीएसए
मैनपुरी।
परिषदीय स्कूलों के लिए किताबें चार महीने देर से आई हैं। किताबें आ गईं तो अफसरों और शिक्षकों के बीच किताबें को लेकर रार चल रही है। कई विकास खंडों में खंड शिक्षाधिकारी स्कूलों तक किताबें नहीं पहुंचा रहे हैं, जिसके चलते शिक्षक विरोध पर उतर आए हैं।
शिक्षक नेताओं का कहना है कि शासनादेश के तहत जनपदीय भंडारण से बीएसए द्वारा टेंडर जारी कर पुस्तकों को ब्लॉक संशोधन केंद्रों पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद खंड शिक्षाधिकारी ब्लॉक स्तर पर टेंडर जारी कर पाठ्य पुस्तकों को स्कूलों तक भेजेंगे। इसके लिए धनराशि शासन से उपलब्ध होगी। जो शिक्षक बीआरसी से किताबें लेने नहीं जा रहे हैं, उन्हें कार्रवाई का भय दिखाया जा रहा है।
केस नंबर-एक
प्राथमिक शिक्षक संघ की घिरोर ब्लॉक इकाई की बैठक बुधवार को हुई। बैठक में प्राथमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष डॉ. कमलेश ने आरोप लगाया कि खंड शिक्षाधिकारी घिरोर बीआरसी से किताबें स्कूलों में नहीं भिजवा रहे हैं। शिक्षकों पर दबाव बनाया जा रहा है कि बीआरसी से किताबें उठाएं, जबकि शासनादेश के तहत स्कूल तक किताबें पहुंचाने
केस नंबर-दो
सुल्तानगंज विकास खंड के स्कूलों पर किताबों नहीं पहुंचीं। शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुजीत सिंह चौहान का कहना था कि सरकार जब स्कूल तक पहुंचने का पैसा देती है तो फिर किताबें स्कूल तक क्यों नहीं पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक स्कूलों में 40 प्रतिशत किताबें तक नहीं पहुंची हैं।
केस नंबर-तीन
जागीर विकास खंड में प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बीईओ से मुलाकत की और कहा कि शासनादेश के तहत स्कूलों तक किताबें पहुंचाई जाएं। शिक्षक को परेशान न किया जाए। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री एमपी सिंह का आरोप है कि अधिकारी पुस्तकों को शासनादेश के विपरीत बीआरसी से उठाने के लिए दबाव बना रहे हैं। शिक्षकों का शोषण किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सभी बीआरसी केंद्रों पर पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। खंड शिक्षाधिकारियों को किताबें स्कूलों तक भेजने के आदेश जारी किए गए हैं। यदि कहीं दिक्कत हो रही है तो उसकी जांच कराकर किताबें स्कूलों तक भिजवाई जाएंगी। – दीपिका गुप्ता बीएसए
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