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थाना जगदीशपुरा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा के बोदला में 10 हजार वर्ग मीटर जमीन पर कब्जे के चर्चित प्रकरण में जेल भेजे गए तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार को हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई। हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि सुनवाई के दौरान हाजिर रहना होगा। भूमाफिया के दो गुर्गे जेल में हैं।
जगदीशपुरा थाना क्षेत्र में जमीन का विवाद जनवरी के पहले सप्ताह में सामने आया था। तत्कालीन डीजीपी विजय कुमार से जमीन की कथित मालकिन उमा सिंह ने मुलाकात करके फर्जी मुकदमे की साजिश की घटना बताई थी।
सरदार टहल सिंह की इस बेशकीमती जमीन की देखभाल चौकीदार रवि कुशवाह का परिवार करता था। आरोप के मुताबिक जमीन पर कब्जे के लिए राजनीतिक संरक्षण में बिल्डर कमल चौधरी ने चौकीदार को धमकाया। बात नहीं मानी तो उसके परिवार को जेल भिजवाने के लिए अगस्त 2023 में तत्कालीन इंस्पेक्टर जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार की मिलीभगत से दो फर्जी केस किए गए।
गांजा तस्करी में रवि, उसके भाई शंकरिया सहित तीन लोगों को जेल भेजा गया। इसके बाद आबकारी टीम के साथ षड्यंत्र करके शराब तस्करी में रवि की पत्नी पूनम कुशवाह और बहन को जेल भेजा गया था। तत्कालीन कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने फर्जी मुकदमे दर्ज कराने के मामले में उमा सिंह की तहरीर पर केस दर्ज कराया था। इसमें बिल्डर कमल चौधरी, उसका बेटा धीरू, तत्कालीन इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह सहित कई लोग आरोपी बनाए गए थे। इंस्पेक्टर व बिल्डर को दो गुर्गों को जेल भेजा गया था। जांच एसआईटी कर रही है। मुख्य अभियुक्त बिल्डर कमल चौधरी व उसके बेटे धीरू समेत कई लोग पहले ही गिरफ्तारी पर स्टे ले चुके हैं।
दो जनप्रतिनिधि आए थे आमने-सामने
जमीन विवाद में दो जनप्रतिनिधि आमने-सामने आ गए थे। एक ओर कैबिनेट मंत्री पर कब्जे की साजिश में शामिल होने के आरोप लगाए गए तो उन्होंने सफाई दी थी। वहीं फतेहपुर सीकरी के सांसद ने भी इस मामले में खासी रुचि दिखाई थी। उनका दावा था कि जमीन पर कब्जे के लिए एक गरीब परिवार को जेल भेजा गया। इस मामले में जमीन कांड की उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए। मगर आज तक जमीन कांड की जांच पूरी नहीं हो सकी है। पुलिस भी केवल केस की जांच कर रही है।
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