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थाना जगदीशपुरा
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के बोदला में जमीन पर कब्जे और फर्जी मुकदमे के मामले में आरोपी बिल्डर कमल चौधरी और उसके साथी धीरू चौधरी पर इनामी राशि 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी गई है। जल्द ही आरोपियों के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई शुरू होगी। दूसरी ओर, पुलिस मामले के फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है।
जगदीशपुरा में 10 हजार गज जमीन पर कब्जा हुआ था। कब्जे से पहले दो फर्जी मुकदमे लिखे गए थे। वहां रहने वाले चौकीदार और उसके परिवार के पांच लोगों को फर्जी मुकदमे में जेल भेजा गया था। मामला डीजीपी तक पहुंचा था। लखनऊ से सख्ती होने के बाद जमीन की मालकिन उमा देवी की तहरीर पर तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार, बिल्डर कमल चौधरी सहित 18 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि बिल्डर कमल चौधरी और उसके बेटे धीरू चौधरी पर इनाम की राशि बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी गई है। पुलिस ने शनिवार को उनकी तलाश में घर के अलावा उसके अन्य ठिकानों पर दबिश दी। वहां सिर्फ चौकीदार मिला। पुलिस अब इन आरोपियों की कुर्की पूर्व नोटिस के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र देगी। बिल्डर ने कोर्ट में समर्पण किया तो पुलिस रिमांड पर लेगी।
वहीं, जगदीशपुरा पुलिस मामले में प्रकाश में आए किशोर बघेल की तलाश में भी दबिश दे रही है। वह भी बिल्डर का साथी है। जमीन पर कब्जे के समय वह मौके पर मौजूद था। ट्रैक्टर में रवि कुशवाह के घर का सामान भरकर ले गया था। जेल जाने से पहले पुरुषोत्तम पहलवान ने यह जानकारी पुलिस को दी थी।
बयान देने नहीं पहुंचा दरोगा
डीजीपी ऑफिस में शिकायत के बाद एसओ सहित चार पुलिस कर्मी निलंबित किए गए थे। दरोगा विकास कुमार के खिलाफ सहारनपुर रिपोर्ट भेजी गई थी। कब्जे के समय विकास कुमार जगदीशपुरा थाने में तैनात था। 9 किलोग्राम गांजा बरामदगी की फर्द उसी ने बनाई थी। उसने ही अपना गुडवर्क दिखाया था। उसे बयान के लिए नोटिस भेजा गया था। वह बयान देने एसआईटी के सामने पेश नहीं हुआ।
शक्ति राठी सहित तीन की चल रही जांच
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि गांजा के मुकदमे की विवेचना करने वाले दरोगा सहित तीन की प्रारंभिक जांच चल रही है। इसमें जगदीशपुरा थाने में तैनात दरोगा शक्ति राठी भी शामिल है। पीड़ित परिवार ने डीजीपी ऑफिस में शिकायत से पहले एक शिकायत एडीशनल सीपी के कार्यालय में की थी। प्रार्थनापत्र जांच के लिए दरोगा शक्ति राठी को मिला था। उसने अधिकारियों को जानकारी नहीं दी।
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