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मथुरा में अपहरण और फिरौती के लिए कुख्यात रहे भूरा गैंग के नौ बदमाशों को एडीजे (सप्तम) संजय चौधरी ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया। एक अभियुक्त अदालत में हाजिर नहीं हो सका। उसे पेश करने के लिए वारंट जारी किया गया है। बता दें गैंग के सरगना भूरा यादव को जून 2012 में आवास विकास कालोनी के सेक्टर पांच में गोलियों से भून दिया गया था। उसकी अपने पैतृक गांव पौरी में एक पक्ष से रंजिश चल रही थी। भूरा यादव ने आगरा में भी अपहरण की वारदात को अंजाम दिया था। उसकी काफी साल तक दहशत रही थी।
डेढ़ दशक पहले हुआ करता था आतंक
डेढ़ दशक पहले भरा यादव का आतंक हुआ करता था। उसके डर से डॉक्टर और कारोबारियों ने सुबह की सैर पर निकलना छोड़ दिया था। वह अपहरण के बाद मोटी फिरौती वसूलता था। उसने सबसे पहले खंदारी के दंत चिकित्सक के पिता का अपहरण किया था। चार दिन बाद 40 लाख रुपये की फिरौती वसूल की थी। उसके पीछे पुलिस लगी थी। उसने भूरा ने बुर्का पहनकर कोर्ट में समर्पण किया था। वह जेल में सिपाहियों को बेहोश कर फरार हो गया था। वह जब भी जेल से बाहर आता था, तब अपहरण कर लेता था। एडीजी जोन राजीव कृष्ण जब आगरा में एसएसपी थे, तब भूरा ने अपहरण किया था। उन्होंने उसे गिरफ्तार करवाया था।
अवधेश यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
अदालत ने शेष 10 अभियुक्तों को तीन सितंबर को दोष सिद्ध कर दिया। दोष सिद्ध अभियुक्त अवधेश यादव निवासी ककरैठा थाना सिंकदरा जिला आगरा अदालत में हाजिर नहीं हो सका। एडीजीसी मुकेश बाबू गोस्वामी ने बताया कि अदालत ने निर्णय के समय गैर हाजिर रहे अभियुक्त अवधेश यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। उसके खिलाफ प्रकीर्ण वाद जारी करने का आदेश भी दिया है। आजीवन कारावास के साथ सभी अभियुक्तों पर दस-दस हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है।
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