Wednesday, January 8, 2025
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Bed Examinations Will Be Conducted At 40 Centers From Today Agra University News – Agra News: बीएड की परीक्षाएं 40 केंद्रों पर आज से, 100 में से देने होंगे किन्हीं 50 प्रश्नों के उत्तर

by amitsagar
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला

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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की बीएड प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं 23 सितंबर से शुरू हो जाएंगी। 40 नोडल केंद्रों पर परीक्षा कराई जाएगी। करीब 45 हजार छात्र-छात्राओं को परीक्षा में शामिल होना है।  

बीएड प्रथम वर्ष की परीक्षाएं आगरा मंडल के चारों जिलों में और बीएड द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं आगरा व अलीगढ़ मंडल के आठों जिलों में कराई जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बृहस्पतिवार को टीमें लगाकर परीक्षा सामग्री नोडल केंद्रों को भेज दी गई। पहली पाली की परीक्षा सुबह 8 से 9:30 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 2:30 से 4 बजे तक होगी। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश के मुताबिक बीएड की परीक्षा ओएमआर शीट आधारित कराई जाएगी। परीक्षा में 100 प्रश्न पूछे जाएंगे, किन्हीं 50 प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। 

सभी को मिले प्रवेश पत्र 

विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि प्रवेशपत्र लगभग सभी छात्र-छात्राओं के जारी कर दिए गए हैं। इन्हें कॉलेजों की लॉगइन आईडी में डाल भी दिया गया है। कुछ कॉलेजों ने देर से फीस जमा की, उनके प्रवेशपत्र जनरेट किए जा रहे थे।

नए पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वालों की छात्रवृत्ति पर संकट

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आवासीय परिसर संस्थानों में सत्र 2022-23 में कई नए पाठ्यक्रम शुरू हुए हैं। सभी पाठ्यक्रम सेल्फ फाइनेंस हैं, फीस भी अधिक है। ये पाठ्यक्रम समाज कल्याण विभाग की सूची में नहीं जुड़वाए जा सके हैं। ऐसे में इनमें प्रवेश लेने वालों की छात्रवृत्ति पर संकट के बादल हैं। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव आशीष कुमार प्रिंस का कहना है कि एमए योग पाठ्यक्रम की पढ़ाई पूरी करने में छात्र-छात्राओं को 35 से 40 हजार रुपये फीस जमा करनी होगी। समाज कल्याण विभाग की सूची में पाठ्यक्रम शामिल न होने से छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाएगी। आर्थिक कमजोर परिवारों को इससे दिक्कत होगी।

इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय की ओर से लिखित में भेजने पर पाठ्यक्रमों को छात्रवृत्ति की सूची में शामिल कराया जाएगा। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रो. प्रदीप श्रीधर का कहना है कि पाठ्यक्रमों के नाम समाज कल्याण को भेजे जाएंगे।

विस्तार

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की बीएड प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं 23 सितंबर से शुरू हो जाएंगी। 40 नोडल केंद्रों पर परीक्षा कराई जाएगी। करीब 45 हजार छात्र-छात्राओं को परीक्षा में शामिल होना है।  

बीएड प्रथम वर्ष की परीक्षाएं आगरा मंडल के चारों जिलों में और बीएड द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं आगरा व अलीगढ़ मंडल के आठों जिलों में कराई जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बृहस्पतिवार को टीमें लगाकर परीक्षा सामग्री नोडल केंद्रों को भेज दी गई। पहली पाली की परीक्षा सुबह 8 से 9:30 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 2:30 से 4 बजे तक होगी। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश के मुताबिक बीएड की परीक्षा ओएमआर शीट आधारित कराई जाएगी। परीक्षा में 100 प्रश्न पूछे जाएंगे, किन्हीं 50 प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। 

सभी को मिले प्रवेश पत्र 

विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि प्रवेशपत्र लगभग सभी छात्र-छात्राओं के जारी कर दिए गए हैं। इन्हें कॉलेजों की लॉगइन आईडी में डाल भी दिया गया है। कुछ कॉलेजों ने देर से फीस जमा की, उनके प्रवेशपत्र जनरेट किए जा रहे थे।

नए पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वालों की छात्रवृत्ति पर संकट

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आवासीय परिसर संस्थानों में सत्र 2022-23 में कई नए पाठ्यक्रम शुरू हुए हैं। सभी पाठ्यक्रम सेल्फ फाइनेंस हैं, फीस भी अधिक है। ये पाठ्यक्रम समाज कल्याण विभाग की सूची में नहीं जुड़वाए जा सके हैं। ऐसे में इनमें प्रवेश लेने वालों की छात्रवृत्ति पर संकट के बादल हैं। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव आशीष कुमार प्रिंस का कहना है कि एमए योग पाठ्यक्रम की पढ़ाई पूरी करने में छात्र-छात्राओं को 35 से 40 हजार रुपये फीस जमा करनी होगी। समाज कल्याण विभाग की सूची में पाठ्यक्रम शामिल न होने से छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाएगी। आर्थिक कमजोर परिवारों को इससे दिक्कत होगी।

इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय की ओर से लिखित में भेजने पर पाठ्यक्रमों को छात्रवृत्ति की सूची में शामिल कराया जाएगा। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रो. प्रदीप श्रीधर का कहना है कि पाठ्यक्रमों के नाम समाज कल्याण को भेजे जाएंगे।

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