[ad_1]
श्रीबांकेबिहारीजी महाराज के सेवाधिकारीजनों, प्रबुद्धवर्ग, प्राचीन मंदिरों के सेवायतों व स्थानीय जनता के साथ-साथ अनेक भक्तगण भी अपने आराध्य का नया मंदिर बनाए जाने के प्रबल पक्षधर हैं। ठाकुर श्रीराधावल्लभ मंदिर के सेवायत श्रीहित संप्रदायाचार्य प्रेमकुमार गोस्वामी (छोटी सरकार) ने कहा कि संबंधित लोगों की सहमति के बाद वृंदावन में ही खुली जगह पर बांकेबिहारीजी का नया मंदिर बनाने का प्रस्ताव एक अच्छा प्रयास है।
37 वर्ष पूर्व जयपुर मंदिर में ठाकुरजी को विराजमान करने की उठी थी मांग
19 सितंबर वर्ष 1985 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. आर वेंकटरमन ने ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने स्वामी हरिदासजी महाराज पर डाक टिकट का विमोचन भी किया। उपराष्ट्रपति के जाने के बाद हुए सामाजिक विवाद की वजह से ठाकुर श्रीबांकेबिहारीजी को राधामाधव मंदिर (जयपुर मंदिर) अथवा वृंदावन में ही किसी अन्य बड़े स्थान पर मंदिर निर्माण कराकर विराजमान करने की जोरदार मांग उठी थी। वर्ष 2015-16 में सूबे की समाजवादी सरकार के समय में भी मंदिर अधिग्रहण व स्थानांतरण के प्रयास हुए थे।
बगीचे में मनाया जाए मंदिर
मथुरा के भरतपुरगेट के लालागंज निवासी गणेश प्रसाद चतुर्वेदी ने बांकेबिहारी के नवीन मंदिर पर अपना मत रखते हुए कहा है कि अटल्ला चुंगी पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर का बगीचा है। इस बगीचे में ठाकुर बांकेबिहारी का भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण किया जा सकता है।
[ad_2]
Source link