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बैंक प्रबंधक सचिन उपाध्याय की हत्याकांड
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में बैंक प्रबंधक सचिन उपाध्याय की हत्या में जेल में निरुद्ध साले कृष्णा और पत्नी प्रियंका उर्फ मोना को कोर्ट से राहत नहीं मिल सकी। कोर्ट ने दोनों आरोपियों के प्रार्थनापत्र खारिज कर दिए। इससे पहले मृतक के ससुर कलेक्ट्रेट बार के अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह रावत को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।
ताजगंज स्थित रामरघु एग्जोटिका निवासी सचिन उपाध्याय बैंक प्रबंधक थे। 12 अक्तूबर 2023 को पुलिस को सचिन उपाध्याय की आत्महत्या की सूचना मिली थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई। मामले में कलेक्ट्रेट बार के अध्यक्ष मृतक के ससुर बृजेंद्र सिंह रावत, पत्नी प्रियंका और साले कृष्णा के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।
20 अक्तूबर को पुलिस ने साले को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इसके बाद पत्नी और ससुर पकड़े गए। बृजेंद्र सिंह रावत को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। जेल में निरुद्ध मृतक की पत्नी और साले ने स्पेशल जज दस्यु प्रभावी क्षेत्र रविकांत की अदालत में जमानत के लिए प्रार्थनापत्र दिए।
एडीजीसी आदर्श चौधरी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपियों ने हत्या की है। बहुत ही गंभीर अपराध है। कोर्ट ने दोनों के जमानत प्रार्थनापत्र खारिज करने के आदेश किए। कृष्णा ने दूसरा जमानत प्रार्थनापत्र दाखिल किया था।
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