[ad_1]
कर्मचारियों-अधिकारियों की संपत्ति की भी होगी जांच
विश्वविद्यालय में हुए भ्रष्टाचार की जांच एसटीएफ कर रही है। इसमें 20 साल पहले के मामले भी जांच के घेरे में आएंगे। वहीं कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक की संपत्ति की भी गोपनीय तरीके से जांच की जा रही है। सेवानिवृत्त कर्मचारी भी एसटीएफ के रडार पर हैं।
तीन और की गिरफ्तारी के लिए दबिश
पुलिस की विवेचना में छात्र नेता राहुल पाराशर का नाम प्रकाश में आया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस के साथ एसटीएफ भी लगी है। मगर, वह हाथ नहीं आ सका है। वहीं तीन और नाम सामने आए हैं। इनमें रंजीत, जयंत और अशरफ हैं। अब इन तीनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगी है। इनमें राहुल और रंजीत की एजेंसी में सांठगांठ रहती थी। वह पुनीत और उसके साथियों की मदद से लिखी गईं कॉपियों को रखवाया करते थे।
60 हजार में पास कराने का ठेका
पुलिस के मुताबिक, दुर्गेश ठाकुर कंस्ट्रक्शन ठेकेदार भी है। वह फेल छात्रों से संपर्क करता था। पास कराने के लिए 60 हजार तक में ठेका लेता था। पुनीत कॉपियां मिलने पर खुद लिखने का काम करता था। उसने दो और छात्रों के नाम बताए हैं, जिनसे कॉपियां लिखवाता था। इसके लिए एक कॉपी के दो हजार रुपये तक लिए जाते थे। पूछताछ में पता चला कि एक बार में 20-20 कॉपियां उनको मिल जाती थीं। कॉपियां लिखने के बाद देवेंद्र के पास पहुंचा दी जाती थीं। एजेंसी के कर्मचारियों की सांठगांठ से उन्हें रख दिया जाता था। अब पुलिस छात्र के सहयोगी छात्र और कर्मचारियों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
[ad_2]
Source link