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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय को डिफाॅल्ट सूची में डाल दिया है। विश्वविद्यालय की ओर से छात्र शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के गठन और लोकपाल बनाने की जानकारी यूजीसी को नहीं दी गई है। हालांकि यहां लोकपाल की नियुक्ति की गई है और प्रकोष्ठ भी बनाया गया है। रिपोर्ट न भेजे जाने की वजह से कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।
देश के 421 विश्वविद्यालयों को डिफॉल्ट घोषित किया गया है। इनमें 256 राज्य विश्वविद्यालय हैं। इनमें यूपी के कई राज्य विश्वविद्यालय शामिल हैं। इनमें राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय अलीगढ़, छत्रपति शाहूजी विश्वविद्यालय कानपुर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कानपुर, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय, कानपुर आदि शामिल हैं। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को अपनी वेबसाइट और कैंपस के प्रमुख स्थानों पर पर लोकपाल व प्रकोष्ठ के गठन की जानकारी और फोन नंबर प्रदर्शित करने के साथ सूचना 31 दिसंबर, 2023 उपलब्ध कराने के लिए कहा था। कॉलेजों ने ऐसा नहीं किया।
अनुदान रोक सकती है यूजीसी
जानकारों के मुताबिक यूजीसी डिफॉल्ट सूची में शामिल विश्वविद्यालयों के अनुदान को रोक सकती हैं। डाॅ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में लोकपाल और प्रकोष्ठ के नंबर कहीं भी चस्पा नहीं किए गए हैं। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार का कहना है कि निर्धारित समय के अंदर ही लोकपाल और छात्र शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन करके शासन व राजभवन को सूचना भेज दी गई थी। यूजीसी को भी भेज दी जाएगी। इनके नंबरों को जहग-जगह चस्पा भी करा दिया जाएगा।
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