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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने एनईपी के तहत स्नातक प्रथम, द्वितीय व पंचम और परास्नातक प्रथम व तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा में लिए केंद्र गुपचुप तरीके से ही बना दिए। केंद्रों की सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं की गई। न ही इस बार कॉलेजों से आपत्तियां ली गईं।
परीक्षा के लिए 227 केंद्र और 29 नोडल केंद्र मंडल के चारों जिलों में बनाए गए हैं। गत कुछ परीक्षाओं से विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर नियमों की अनदेखी की जा रही है। पहले केंद्रों की प्राथमिक सूची जारी कर आपत्तियां ली जाती थीं। सर्वाधिक आपत्तियां परीक्षा के केंद्र दूर डाले की होती थीं।
वहीं, कॉलेजों के सेंटर आपस में पड़ने, एक ही प्रबंधन के कॉलेजों के सेंटर आपस में पड़ने से संबंधित आपत्तियां दी जाती थीं। इनको कमेटी निस्तारित करके अंतिम सूची जारी करती थी। इन सभी पर पर्दा डाल दिया गया है। यहां तक गत परीक्षा में नकल में पकड़े गए केंद्रों की सूची सार्वजनिक नहीं की गई है।
औटा के अध्यक्ष प्रो. दिग्विजय सिंह का कहना है कि परीक्षा की पारदर्शिता के लिए डिबार केंद्रों की सूची पहले जारी की जानी चाहिए थी। परीक्षा के संबंध में कुलपति के साथ वार्ता की जाएगी।
आज 18,204 विद्यार्थियों की परीक्षा
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश के मुताबिक पहले दिन 24 जनवरी की परीक्षा में 8,204 विद्यार्थियों को शामिल होना है। परीक्षा में स्नातक स्तर पर 2,32,367 विद्यार्थियों व परास्नातक स्तर पर 18,904 विद्यार्थियों को शामिल होना है।
केंद्र कंट्रोल रूम से जुड़े न उड़नदस्ते बने
परीक्षाओं के लिए उड़नदस्ते अभी नहीं बनाए गए हैं। जिन कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है, वह सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से विश्वविद्यालय के कंट्रोल रूम से भी नहीं जुड़े हैं।
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