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सरकारी मदद के लिए जिलाधिकारी से फोन पर बात की है। उनकी तरफ से आश्वासन दिया गया है। वह खुद भी रुपयों का इंतजाम करने में लगे हैं। मदद मिलते ही रोहित भाई की देखभाई के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना हो जाएगा।
स्कॉलरशिप पर विदेश गया था शुभम
किरावली स्थित पैठ गली निवासी रामनिवास गर्ग बिल्डिंग मेटेरियल का काम करते हैं। वह बेटे शुभम की हालत को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि बेटे ने इंटरमीडिएट करने के बाद गाजियाबाद से बीटेक किया। इसके बाद उसने मद्रास में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एमएस करने के लिए आईआईटी में प्रवेश लिया। वर्ष 2020 में पढ़ाई पूरी करने के बाद घर आ गया। वह छात्रवृत्ति मिलने पर ऑस्ट्रेलिया पीएचडी करने के लिए गया था।
छह अक्तूबर को मिली जानकारी
वह एक सितंबर को वहां पहुंचा। छह अक्तूबर को उस पर हमला कर दिया गया। उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उसके तीन आपरेशन हो चुके हैं। मगर, संक्रमण कम नहीं हो रहा है। इससे बेटे की चिंता सता रही है। उसके जबड़े में चोट लगी है। वह ठीक से बोल नहीं पा रहा है। बेटे से घरवालों ने बात की। बेटे की हालत देखकर वो रोने लगते हैं।
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