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कार्तिक सत्यनारायण वार्ता करते अमेरिकी राजदूत से
– फोटो : wildlife sos
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भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक माइकल गार्सेटी ने परिवार के साथ बृहस्पतिवार को फरह स्थित हाथी संरक्षण केंद्र व अस्पताल और आगरा के रुनकता स्थित भालू संरक्षण केंद्र का भ्रमण किया। हाथियों व भालुओं का हाल जाना। उन्होंने ‘रिफ्यूज टू राइड’ कैंपेन को भी अपना समर्थन दिया। संस्था के वन्यजीव संरक्षण कार्यों और बचाए गए हाथियों और भालुओं के बारे में जाना।
फरह के हाथी अस्पताल में बृहस्पतिवार को पहुंचे राजदूत ने हथिनी जिंजर का नियमित उपचार और की जा रही लेजर थेरेपी को देखा। हथिनी लक्ष्मी के साथ प्रशिक्षण सत्र देखा। उन्होंने बंदी हाथियों में घायल एवं वृद्ध हाथियों के इलाज के संबंध में पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम से जानकारी भी ली। हाथी अस्पताल परिसर में उन्होंने पौधरोपण भी किया। भालू संरक्षण केंद्र में रह रहे स्लॉथ भालुओं को देखा। उनकी देखभाल और पुनर्वास के बारे में भी जाना।
राजदूत एरिक माइकल गार्सेटी ने कहा कि वाइल्डलाइफ एसओएस संरक्षण का वास्तविक मॉडल है। जहां जानवरों, प्रकृति और मनुष्यों के बारे में भी सोचा जाता है। मैं अपनी बेटी के साथ वालंटियर के रूप में यहां वापस आने के लिए उत्सुक हूं। वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक व सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि एशियाई हाथियों और स्लॉथ भालुओं के संरक्षण के हमारे मिशन में राजदूत का समर्थन पाकर हम बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
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