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आगरा में वायु प्रदूषण
– फोटो : अमर उजाला
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दिवाली से पहले ही हवा में प्रदूषण का जहर घुलने लगा है। धुएं और धूल से बुजुर्ग व अस्थमा रोगियों की सांसें फूल रही हैं। रविवार को संजय प्लेस शहर का सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र रहा है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 278 पहुंच गया है, जो खराब वायु गुणवत्ता को प्रदर्शित करता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु प्रदूषण की वास्तविक समय में निगरानी के लिए सेंसर मीटर लगाए हैं, जो शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता जांचते हैं। इनसे वायु गुणवत्ता सूचकांक तय होता है।
शहर में बेतरतीब खोदाई, धूल नियंत्रण के इंतजाम नहीं होने और जगह-जगह जल रहे कचरे से एक तरफ हवा में धुआं और धूल के कण बढ़ गए हैं, दूसरी तरफ दिवाली पर आतिशबाजी से हवा सांस लेने लायक नहीं रही। दिवाली पर घरों की सफाई के दौराने निकले कूड़े-कचरे का निस्तारण भी आग लगा कर हो रहा है। उधर, हाईवे से लेकर एमजी रोड और एक्सप्रेसवे पर दो दिन से भीषण जाम के कारण भी हवा में कार्बन के कण बढ़ गए हैं। सीवर व पानी के लिए सड़कों की खोदाई के बाद पानी का छिड़काव नहीं होने से धूल उड़ रही है।
सांस रोगी रहें सतर्क
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. बीके अग्रवाल के अनुसार दिवाली के आसपास हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से अस्थमा, टीबी व अन्य सांस रोगियों को सतर्क रहना चाहिए। उनका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। जिनकी दवाएं चल रही हैं, वह दवाएं बंद न करें। इन्हेलर लेने वाले मरीज दवाएं नियमित लेते रहें।
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प्रदूषण मीटर
संजय प्लेस : 278
मनोहरपुर : 122
आवास विकास : 146
शास्त्रीपुरम : 111
रोहता : 241
शाहजहां गार्डन : 117
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