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एयरफोर्स स्टेशन परिसर में आकाश साफ नहीं था। हल्की धुंध दिखाई दे रही थी। इस धुंध को चीरते हुए कभी सुखोई उड़ान भर रहा था तो कभी एन-32 विमान। एएलएच हेलिकॉप्टर से लेकर चिनूक तक हवा से बातें करते नजर आए। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ जनरल अनिल चौहान और मध्य वायु कमान के एयर चीफ वीआर चौधरी ने एजेंसियों की हौसला आफजाई की।
एक हजार मीटर के रनवे पर मालवाहक गजराज विमान उतारा। एमआई 17 भूकंप प्रभावित क्षेत्र में आग बझाने के लिए पानी और धूल की टोकरी लटकाकर पहुंचा। इस दौरान आयोजित प्रदर्शनी में आईएल-76 गजराज, सी-वन 30 हरक्यूलिस, एन-32 विमान, हल्का लड़ाकू हेलिकॉप्टर प्रचंड, भारी मालवाहक हेलिकॉप्टर चिनूक के अलावा भारतीय जलसेना का सर्विलांस विमान डोनियर भी दिखाई दिया। जिसका इस्तेमाल समुद्री खोजी अभियानों में लापता विमानों का खोजने के लिए किया जाता है।
विमानों के प्रदर्शन के बाद पैरा ट्रूपर्स की आकाशगंगा टीम ने पैराशूट से जंप लगाई। 200 फुट प्रति सेंकड की रफ्तार से पैराशूट से जवान नीचे आए। कोई तिरंगा लेकर कूदा तो कोई हरा, केसरिया और सफेद पैराशूट लेकर। जूनियर वारंट आफिसर रमेश ने 800वीं छलांग लगाई। वायु सेना का झंडा लेकर कूदे आरएस रंधावा की यह 500वीं छलांग थी। अंत में तीन पैराशूट की टीम लेकर 1500वीं जंप एके विश्वास ने लगाई।
एयरफोर्स स्टेशन पर आपदा में राहत और बचाव के प्रबंधन के लिए एयरफोर्स स्टेशन में 10 देशों का संयुक्त अभ्यास हो रहा है। इन आसियान देशों की विभिन्न आपदा प्रबंधन एजेंसियों के प्रतिनिधि जुटे हैं। जो एक दूसरे से श्रेष्ठ अनुभव, संसाधन व तकनीक को साझा कर रहे हैं। भूकंप, बाढ़, तूफान, सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अभ्यास के माध्यम से क्षमता बढ़ा रहे हैं।
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