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अहोई अष्टमी
– फोटो : amar ujala
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संतान की मंगल कामना के लिए रखा जाने वाला अहोई अष्टमी व्रत पांच नवंबर (रविवार) को है। कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन प्रदोषकाल में अहोई माता की पूजा की जाती है। सनातन धर्म मंदिर शहजादी मंडी के पुजारी पं. कृष्ण दत्त शास्त्री ने बताया कि अष्टमी तिथि चार नवंबर को रात 1:02 बजे से शुरू होकर पांच नवंबर को देर रात 3:21 बजे तक रहेगी। सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा करने वाली माताएं सूर्योदय के बाद पूजा कर व्रत संपन्न करेंगीं। इस दिन रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है।
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