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जांच
– फोटो : pixabay
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आगरा में स्वास्थ्य विभाग की जांच में 28 प्रभारी चिकित्सकों के नाम 90 अस्पतालों में दर्ज मिले हैं। नियम कहता है कि प्रभारी चिकित्सक का एक से अधिक अस्पतालों में पंजीकरण नहीं हो सकता। पैथोलॉजी में भी चिकित्सकों के नाम बस कागजों पर ही चल रहे हैं। कार्रवाई न होने से ऐसा करने वालों के हौसले बढ़े हुए हैं।
अस्पतालों और लैब में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। अभी हाल ही में दो चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग को नोटिस का जवाब दिया है। उसमें कहा है कि वह एक ही अस्पताल में पंजीकृत हैं, जबकि उनका नाम 4 से 5 अस्पतालों में चल रहा है। इससे इन चिकित्सकों की जगह कोई और ही अस्पतालों में प्रैक्टिस कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने पंजीकरण करते समय अस्पतालों और लैब का भौतिक सत्यापन नहीं किया।
सत्यापन करके चिकित्सकों के नाम का गलत इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की होती तो फर्जीवाड़े पर रोक जरूर लगी। ऐसा न किया जाने से डॉक्टर और हास्पिटल संचालकों के हौसले बढ़ गए हैं। सूत्रों के अनुसार डॉक्टरों की डिग्री लगाने के एवज में अस्पताल मोटा पैसा हर माह देते हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी का कहना है कि चिह्नित चिकित्सकों और अस्पतालों को नोटिस दिया गया है, जवाब आने पर कार्रवाई की जाएगी। पैथोलॉजी की भी जांच कराई जाएगी।
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