[ad_1]
ख़बर सुनें
विस्तार
आगरा के थाना एत्मादपुर के गांव धरैरा में 32 बीघा जमीन को फर्जी मालिक बनकर बेचने की प्रारंभिक जांच में पुलिस को अहम जानकारी मिली है। जमीन का सौदा चार करोड़ में हुआ था। बैनामा से तीन दिन पहले ही बरहन में एक निजी बैंक में खाता खोला गया। चार से पांच खातों में रकम ट्रांसफर की गई। 1.60 करोड़ रुपये नकद लिए गए। पुलिस ने पांच खातों को फ्रीज कराया है। जमीन का मालिक बना फर्जी कृष्णा कौन है? उसके बारे में जानकारी की जा रही है।
न्यू राधा नगर निवासी कृष्णा तोमर की गांव धरैरा स्थित 35 बीघा जमीन (कच्चे) में से 32 बीघा को कूटरचित दस्तावेज से बेचा गया था। जमीन मालिक फर्जी कृष्णा तोमर बना। जमीन नेमीनाथ मेडिकल कॉलेज के मालिक प्रदीप गुप्ता के बेटे दीपेश गुप्ता ने खरीदी। इसमें दोनों पक्षों के गवाह बनाए गए थे। शनिवार को कृष्णा ने थाना एत्मादपुर में मुकदमा दर्ज कराया। इसमें ट्रांस यमुना कॉलोनी निवासी सुबोध सूदन, हाथरस निवासी भूपेंद्र सिंह, एत्मादपुर के गांव धरैरा निवासी प्रवेंद्र तोमर, नगला रामबक्श निवासी गौरव और हाथरस निवासी सीमा को नामजद किया गया।
पुलिस की जांच में पता चला कि फर्जी कृष्णा ने बैनामे के समय 1.60 करोड़ रुपये नकद लिया था। 2.40 करोड़ रुपये खाते में चेक के माध्यम से दिए गए। 1.83 करोड़ रुपये निकाल लिए गए। चार से पांच खातों में रकम ट्रांसफर की गई। 57 लाख रुपये खातों में शेष बचे हैं।
कौन है फर्जी कृष्णा तोमर
पीड़ित कृष्णा तोमर का कहना है कि जमीन खरीदने वाले के तीन गवाह थे, जबकि बेचने वाले के दो। यह दो गवाह हाथरस के दिखाए गए। यह असली हैं या इनके भी फर्जी दस्तावेज लगाए? यह पुलिस की जांच में पता चल जाएगा। वहीं जो व्यक्ति कृष्णा तोमर बना? उसका फोटो बैनामे में साफ नजर नहीं आ रहा है। उसकी पहचान करना आसान नहीं है। ऐसा लग रहा है कि किसी मजदूर को खड़ा कर दिया गया।
तहसील कर्मियों की मिलीभगत तो नहीं
पीड़ित ने आरोप लगाया कि जमीन खरीदार दीपेश गुप्ता हैं। उन्होंने 10 करोड़ की जमीन कम कीमत में खरीदी है। जमीन को खरीदने में खरीदार भी जिम्मेदार है। उनके पास ही बिचौलिया आया। कृष्णा से मिलवाया। जमीन महंगी होने के बावजूद कम कीमत में मिलने की वजह होनी चाहिए? उन्होंने अपनी तहरीर में खरीदार को भी जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन तहरीर बदलवा दी गई। तहसील कर्मियों ने भी जांच नहीं की। उनकी मिलीभगत के बिना बैनामा नहीं हो सकता। जमीन पर केसीसी ऋण भी चल रहा है। इसका भुगतान भी नहीं किया गया।
नीतू की मौत के जिम्मेदार
परिवार का आरोप है कि नीतू की मौत के जिम्मेदार आरोपी भी हैं। नीतू की आत्महत्या से एक दिन पहले ही जमीन को फर्जी तरीके से बेचने का पता चला था। इससे नीतू सदमे में आ गई थी। उसे लगा कि जमीन बिक गई तो घर का खर्च कैसे चलेगा? उसकी शादी के लिए भी रकम इकट्ठा की जानी थी। कृष्णा तोमर ने बहन की मौत के मामले में भी मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
[ad_2]
Source link