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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का आठ दिन बाद सर्वर शुरू हो सका। पर, पहले ही घंटे में विश्वविद्यालय की वेबसाइट हैंग हो गई। इन आठ दिनों में डिग्री, अंकतालिका, माइग्रेशन आदि के करीब 15 हजार प्रार्थनापत्र आ जाने से लंबित मामले बढ़ गए हैं।
आगरा विश्वविद्यालय में 13 दिसंबर से सर्वर बंद पड़ा है। इससे विश्वविद्यालय में डिग्री, अंकतालिका, माइग्रेशन की छपाई बंद रही। ऑनलाइन आवेदन, शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन भी नहीं हो सका। रोजाना करीब 2 हजार से अधिक छात्र प्रार्थनापत्र देकर लौट रहे थे। बुधवार देर शाम सर्वर शुरू हुआ। पर, पहले ही घंटे में वेबसाइट हैंग हो गई। हालांकि वेबसाइट धीरे-धीरे सामान्य हुई। इन आठ दिनों में 15 हजार से अधिक प्रार्थनापत्र और शिकायतें आई हैं। ये डिग्री, अंकतालिका, माइग्रेशन आदि की त्रुटियों से संबंधित हैं।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि एजेंसी ने बैकअप डाटा लेने के लिए सर्वर बंद किया था। अब यह कार्य पूरा हो गया है और सर्वर कार्य कर रहा है। प्रार्थनापत्र और लंबित कार्य तेजी से निपटाए जाएंगे।
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एजेंसी से लिया परीक्षा संबंधी डाटा
विश्वविद्यालय में 2014-15 से 2021-22 सत्र तक परीक्षा संबंधी कार्य डिजीटेक्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कर रही है। इसके निदेशक डेविड मारियो डेनिस हैं, इन्होंने भुगतान में कमीशन मांगने के आरोप में प्रभारी कुलपति रहे प्रो. विनय पाठक पर मुकदमा दर्ज कराया है। इस एजेंसी ने विश्वविद्यालय को इन आठ सत्रों का परीक्षा संबंधी डाटा विश्वविद्यालय प्रशासन को उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि एजेंसी से हार्ड डिस्क और सीडी में डाटा ले रहे हैं। ज्यादातर डाटा मिल गया है, कुछ ही दिनों में पूरा डाटा विश्वविद्यालय को मिल जाएगा।
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