[ad_1]
ख़बर सुनें
विस्तार
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने किरकिरी होने के बाद तीन परीक्षा केंद्रों को निरस्त कर दिया है। संबंधित केंद्रों पर स्नातक प्रथम वर्ष की द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान अनियमितता पाई गई। निरस्त किए गए केंद्रों की जगह नए केंद्र नहीं बनाए गए हैं। पुराने केंद्रों पर ही परीक्षार्थियों को समायोजित किया गया है। तीन सितंबर से परिवर्तित केंद्रों पर ही परीक्षाएं कराई जाएंगी। वहीं, छह परीक्षा केंद्रों पर पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। इनकी उपस्थिति में परीक्षाएं होंगी।
सीसीटीवी कैमरे में सामूहिक नकल कैद होने पर महाराणा प्रताप कॉलेज ऑफ एजूकेशन, किरावली का परीक्षा केंद्र निरस्त किया गया है। यहां आवंटित परीक्षार्थियों को अब चौधरी रघुनाथ सिंह महाविद्यालय, फतेहपुर सीकरी रोड किरावली, श्री सिद्धि विनायक एजूकेशनल महाविद्यालय, रायभा, अछनेरा, एसएस एजूकेशनल इंस्टीट्यूट गामरी, मलपुरा, जीएल टीचर्स एजूकेशनल इंस्टीट्यूट, पनवारी, रुनकता में आवंटित किया गया है। बाबा भीमसेन महाविद्यालय, राल, मथुरा परीक्षा केंद्र को निरस्त किया गया है। यहां के परीक्षार्थियों की परीक्षाएं एसजीएल गर्ल्स कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉज, पैंथा, गोवर्धन-सौंख रोड और श्री बाबूलाल महाविद्यालय, बरसाना रोड, गोवर्धन में कराई जाएगी।
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रो. प्रदीप श्रीधर के मुताबिक श्री यशपाल सिंह महाविद्यालय, मांट परीक्षा केंद्र को भी निरस्त कर दिया गया है। इस केंद्र पर आवंटित परीक्षार्थियों की परीक्षाएं एसबीएस कॉलेज, जबरा, मांट में कराई जाएंगी। परिवर्तित परीक्षा केंद्रों की सूची परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश की ओर से जारी कर दी गई है। परीक्षार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर देख सकते हैं। कॉलेजों की लॉगइन आईडी में भी डाल दी गई है।
इन केंद्रों पर पर्यवेक्षक तैनात किए गए
– आरसीबी डिग्री कॉलेज, मथुरा।
– बाबूराम यादव पीजी कॉलेज, करहल, मैनपुरी।
– श्री सुरेश चंद सिंघल मेमोरियल महाविद्यालय, आगरा।
– श्री भवानी सिंह महाविद्यालय, आगरा।
– चौधरी सूरज सिंह महाविद्यालय, मैनपुरी।
– एसबीएस कॉलेज, फालोन, छाता, मथुरा।
नकल रोकने की रणनीति बस कागजी
परीक्षा में नकल रोकने की विश्वविद्यालय प्रशासन की रणनीति कागजों में है। सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से अभी तक सभी परीक्षा केंद्र विश्वविद्यालय के नियंत्रण कक्ष से नहीं जुड़ पाए। जो केंद्र जुड़े भी हैं, वह पूरी परीक्षा के दौरान दिख नहीं रहे। कैमरे बंद हो जा रहे हैं। जुर्माने की व्यवस्था बनाई गई है, विश्वविद्यालय प्रशासन जुर्माना वसूल नहीं पा रहा है।
[ad_2]
Source link